धार्मिक भावनाओं को राजनीतिक रंगत न दी जाये

शुक्रवार 19 अप्रैल को देश के कई भागों में लोकसभा चुनावों के पहले चरण के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। देश के भिन्न-भिन्न भागों में इस दौरान अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलेंगे। पहले चरण में पश्चिमी बंगाल के उत्तरी भाग में अलीपुर दरबार, कूच बिहार तथा जलपाईगुड़ी में चुनाव होंगे। इस प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होने जा रहे हैं। दूसरे चरण के चुनाव इसी मास 26 अप्रैल को होंगे। इन क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी का प्रभाव बना रहा है। वर्ष 2019 में हुये लोकसभा चुनावों में यहां की 6 सीटें भाजपा ने जीती थीं। पहले चरण से  पूर्व राम नवमी का उत्सव मनाया जा रहा है, जिस दौरान देश के अन्य भागों की भांति यहां भी शोभा यात्राएं निकाली जा रही हैं। भाजपा के नेतृत्व में विश्व हिन्दू परिषद एवं मूलवादी अंजनि-पुत्र सेना की ओर से भी ऐसी यात्राएं निकालने की घोषणा की गई है।
इस प्रदेश में अक्सर इस तरह की यात्राओं को लेकर तनाव पैदा हो जाता है। दूसरे समुदाय के लोगों का यह आरोप है कि उनकी बहुसंख्या वाले क्षेत्रों से यात्राओं के गुज़रते समय की जाती भड़काऊ नारेबाज़ी से अक्सर तनाव पैदा हो जाता है। यह बाद में हिंसक रूप धारण कर लेता है, जिसके परिणाम कई बार साम्प्रदायिक दंगों में भी निकलते रहे हैं। इसलिए पिछले कई वर्ष से पश्चिमी बंगाल की सरकार अधिक सचेत हो कर पैदा होने वाली ऐसी परिस्थितियों से निपटने का यत्न करती रही है परन्तु उसकी ओर  से की जाती व्यवस्था कई बार सफल भी नहीं होती तथा साम्प्रदायिक घटनाएं घटित हो ही जाती हैं। 
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण के बाद राम नवमी का यह पहला त्यौहार है, जिस कारण श्रद्धालुओं में अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रदेश सरकार ने ऐसी यात्राओं पर कुछ प्रतिबन्ध लगाने की घोषणाएं भी की हैं, परन्तु इसके विरुद्ध कुछ संस्थाएं कोलकाता हाईकोर्ट में भी चली गई थीं। अदालत की ओर से इन यात्राओं की इजाज़त देने के बाद श्रद्धालुओं में और भी उत्साह पैदा हो गया है। चाहे प्रशासन ने इस संबंध में मार्ग भी निर्धारित किये हैं परन्तु अक्सर एकत्रित हुई भीड़ की ओर से इनका उल्लंघन किया जाता है। ऐसी अफरा-तफरी में माहौल खराब होने में ज्यादा समय नहीं लगता। चाहिए तो यह कि हर तरह की निकाली जाती यात्राओं को हर स्थिति में नियंत्रित रखा जाये। यह समय इसलिए भी अधिक तनाव पैदा करने वाला बन गया है, क्योंकि विगत दिवस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पश्चिमी बंगाल में अपनी चुनावी रैलियों के दौरान मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के विरुद्ध काफी टिप्पणियां की थीं, जिनमें उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से ऐसी यात्राओं को रोकने का आरोप भी लगाया था, दूसरी तरफ ममता ने ऐसे अवसरों पर पिछले वर्ष का हवाला देते हुये बार-बार यह कहा है कि भाजपा इन यात्राओं को अक्सर राजनीतिक रंगत देने का यत्न करती है, जिस कारण माहौल में तनाव पैदा होता है।
हम सभी तरह की शोभा यात्राएं निकालने के तो पक्ष में रहे हैं परन्तु इन्हें किसी भी तरह की भड़काहट पैदा करने के लिए नहीं उपयोग किया जाना चाहिए, जिससे कि भिन्न-भिन्न समुदायों में टकराव का माहौल बने। आज देश में माहौल को साज़गार बनाये रखने के लिए राजनीतिक पार्टियां, राजनीतिक नेताओं एवं संबंधित संस्थाओं को बड़ी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए। ऐसे यत्न तथा नीतियां ही देश के माहौल को बेहतर बनाये रखने में सहायक हो सकती हैं।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द