बड़ी अहम सिद्ध होगी राजग सरकार की तीसरी पारी

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव का उत्सव समाप्त हो चुका है। विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा ने सहयोगियों के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के रूप में बहुमत प्राप्त किया है। यद्यपि पहले की तुलना में इस बार भाजपा को कम सीटें मिली, लेकिन उसने कश्मीर से केरल, अरुणाचल से गुजरात, सभी जगह सफलता हासिल की। मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश आदि में तो भाजपा ने ‘इंडिया’ गठबंधन का सूपड़ा साफ कर दिया।
गत दस वर्ष प्रधानमंत्री रहते नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र प्रथम की भावना को प्राथमिकता देते हुए सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं रक्षा आदि क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्य किए हैं।  सकारात्मकता, जन भागीदारी, सबका साथ-सबका विकास और सबमें विश्वास उनके मूल मंत्र रहे हैं। वस्तुत: यह जीत साफ नीयत से सही विकास की जीत है। चुनाव के नतीजे यह भी बतातें हैं कि जाति, सम्प्रदाय, क्षेत्रीयता और भ्रम-भय की संकीर्णता अभी समाप्त नहीं हुई है, लेकिन जनता का बड़ा वर्ग भ्रम और भय की राजनीति से अलग देश के विकास को देख रहा है। यह भी सर्वविदित है कि प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के दो कार्यकाल यानी वर्ष 2014 से ही उनकी सभी योजनाएं सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित रही हैं। परिणामत: पिछले 10 वर्षों में लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने अपने पहले ही भाषण में 15 अगस्त, 2014 को लाल किला की प्राचीर से मां भारती के कल्याण का संकल्प प्रस्तुत किया था—हम आज़ादी के इस पावन पर्व पर मां भारती के कल्याण के लिए, हमारे देश के गरीब, पीड़ित, दलित, शोषित, समाज के पिछड़े हुए सभी लोगों के कल्याण का और उनके लिए कुछ न कुछ कर गुजरने के संकल्प का यह पर्व है। इस संकल्प के साथ ही वह आलोचना को दरकिनार करके समर्पित भाव से योजनाएं बनाकर उन्हें क्रियान्वित करने में जुट गए।
राजनीति के क्षेत्र में नरेंद्र मोदी विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। उनका व्यक्तित्व-कृतित्व आरंभ से ही संकल्प से सिद्धि का पर्याय रहा है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उस प्रदेश का कायाकल्प हम सभी के सामने है तो देश के प्रधानमंत्री के रूप में उनके दो कार्यकाल अभूतपूर्व परिवर्तनों एवं सुशासन के सहारे अंतोदय को समर्पित रहे हैं। वह नए भारत को विकास की पंचधारा के साथ जोड़कर शासन-प्रशासन का फोकस देश के सामर्थ्य, संसाधन, संस्कार, परम्परा, संस्कृति और सुरक्षा पर केंद्रित करते हैं। वह सामान्य से सामान्य व्यक्ति की भागीदारी की भी सराहना करते हैं।
यह दुर्भाग्य ही रहा कि स्वतंत्रता के बाद लगभग सात दशक बीत जाने पर भी अनेक क्षेत्रों में बदहाली यथावत बनी रही। सामान्य व्यक्ति के जीवन में एवं राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर जिस गति और विजन के साथ आगे बढ़ाने की आवश्यकता थी, वह कहीं न कहीं व्यक्तिगत स्वार्थों की भेंट चढ़ गया। भ्रष्टाचार एक व्यवस्था के रूप में पनपता रहा। वर्ष 2014 के बाद जनधन खाता और डिजिटल इंडिया जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ यह हुआ कि कल्याणकारी योजनाएं सीधे लाभार्थी तक पहुंचने लगा। अर्थव्यवस्था की मज़बूती एवं विविध आयामी सशक्तिकरण के लिए योजनाएं तत्काल प्रभाव से क्रियान्वित की गईं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत लगभग 12 करोड़ शौचालयों का निर्माण, कोविड-19 के दौरान महिलाओं को लगभग 20 करोड़ से अधिक की वित्तीय सहायता, पीएम आवास योजना के तहत लगभग चार करोड़ शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में आवास, जल जीवन मिशन के अंतर्गत लगभग 9 करोड़ घरों को नल से जल, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से लगभग 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुक्त राशन, स्टैंड अप इंडिया योजना के अंतर्गत आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए लगभग 7,350 करोड़ की वित्तीय सहायता, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में लगातार वृद्धि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 36 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 1.32 लाख करोड़ राशि का सीधे वितरण, सस्ती और महत्वपूर्ण दवाइयों के लिए जन औषधि केन्द्र, गरीबों को इलाज हेतु आयुष्मान भारत योजना, कनेक्टिविटी के लिए रोडवेज़, वॉटरवेज़, एयरवेज़ एवं रेलवे आदि क्षेत्रों में ढांचा सुविधाओं से गतिशीलता, अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण, चार धाम योजना, काशी विश्वनाथ धाम का जीर्णोद्धार, श्री उज्जैन महाकाल मंदिर कॉरिडोर का पुनरुद्धार, स्टैचू ऑफ यूनिटी स्मारक आदि ऐसे सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व के कार्य हैं जिनसे देश में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। प्रत्येक प्रदेश में करोड़ों लोग सीधे इनसे प्रभावित हुए हैं।
इस बार का लोकसभा चुनाव सीधे-सीधे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व एवं ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच विचार और विकास के मुद्दे पर केंद्रित था। जहां समूचा ‘इंडिया’ गठबंधन भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण के लिए मतदाताओं में भ्रम और भय फैलता रहा। फेक वीडियो के सहारे झूठे नेरेटिव बनाए, वहीं प्रधानमंत्री मोदी लगातार जन भागीदारी, नारी शक्ति, युवा शक्ति, किसानों के सामर्थ्य, कौशल विकास, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, नया भारत, आत्मनिर्भर भारत, अर्थव्यवस्था में निरन्तर आगे बढ़ता भारत और विकसित भारत के विजन को लेकर चलते रहे। इस बार के चुनाव से यह स्पष्ट हो गया है कि अब भारत का जनमानस भारत भाव से जागृत होकर विकास यात्रा में सहभागी बन चुका है। यह भी स्पष्ट है कि विगत 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने समाज और राष्ट्र जीवन में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के जिस विजन से काम किया है, वह गुड गवर्नेंस एवं गरीब कल्याण हेतु कारगर साबित हुआ है। यह भी स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग की तीसरी पारी समाज, राष्ट्र एवं विश्व के कल्याण हेतु महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। (युवाराज)