बच्चों को रखें अनुशासन में

हर माता-पिता को अनुशासित बच्चे ही अच्छे लगते हैं। बच्चों को अनुशासित बनाना हो तो बचपन से ही उन्हें ट्रेनिंग देनी पड़ती है। स्वयं को भी वैसा बनाना पड़ता है, जैसा हम बच्चों को चाहते हैं, तभी बच्चे हमारा अनुकरण कर सकते हैं। बेटा हो या बेटी, दोनों का अनुशासन में रहना ज़रूरी है। पहले तो कहा जाता था कि बच्चे माता-पिता का आईना होते हैं पर अब यह सच्चाई शत प्रतिशत नहीं है क्योंकि स्कूल, बाहरी वातावरण व मीडिया का भी बहुत प्रभाव है बच्चों पर। फिर भी बच्चों की परवरिश तो माता-पिता को ही करनी है। जैसा वे उन्हें बनाना चाहेंगे, वैसी कोशिश तो उन्हें करनी ही पड़ेगी। कुछ उपायों में रखकर आप उन्हें अनुशासित करने का प्रयास कर सकते हैं:-
* बच्चों में अनुकरण करने की प्रवृत्ति होती है, इसलिए जैसा अनुशासित व्यवहार आप उनसे चाहते हैं, पहले उसे आप अपने जीवन में उतारें, जैसे रात्रि में सोने से पहले ब्रश करने की आदत आप बच्चों में चाहते हैं तो आपको स्वयं भी प्रतिदिन सोने से पूर्व ब्रश करना होगा।
* बच्चों के लिए कोई भी कानून बनाएं, माता-पिता मिलकर बनाएं। माता पिता भी एक-दूसरे के बनाए नियमों का पालन करें।
* बच्चों को बहुत छोटेपन से ही कुछ शब्दों का प्रयोग करना बताएं जैसे प्लीज, थैंक्यू, वेलकम, हैलो नमस्ते करना सिखाएं। बड़ों से कैसे सम्मान जनक बात करनी है और छोटों को प्यार से कैसे बोलना है, इसे उन्हें समझाएं। स्वयं भी इन बातों को प्रतिदिन के व्यवहार में ढालें।
* बच्चों के गलत आचरण, अनुचित व्यवहार को कभी भी प्रोत्साहित न करें। उन्हें टोकें और समझाएं कि यह व्यवहार गलत है ताकि उन्हें अपनी गलती की समझ आ जाए।
* बच्चों को प्रात: जल्दी उठने और रात्रि में समय पर सोने की आदत प्रारंभ से डालें। स्वयं भी जल्दी उठें और जल्दी सोएं।
* बच्चों को अपना बैग, वाटर बॉटल, जूते, खिलौने, किताबें, कपड़े, चप्पल सही स्थान पर रखना सिखाएं। स्वयं भी अपनी चीजें संभाल कर उचित स्थान पर रखें। 
* बच्चों के लिए टीवी का समय निर्धारित करें और स्वयं भी सीमित समय टीवी देंखे।
* नियम ऐसे बनाएं जिनमें कुछ लचीलापन भी हो और बच्चे को उनका अनुकरण करना बोझ न लगे। छुट्टी वाले दिन थोड़ा ज्यादा खेलने और टीवी देखने दें पर ध्यान रहे अपनी पढ़ाई उसे पहले पूरी करनी होगी।
* बच्चों से काम करवाते समय कोई शर्त न रखें नहीं तो बच्चा भी अपना काम निकलवाने के लिए उसी भाषा का प्रयोग करेगा।
* थोड़ा बहुत निर्धारित दंड उसे दें, अधिक सख्ती न बरतें, जैसे बच्चे ने अपना स्टडी टेबल या डाइनिंग टेबल गंदा किया है तो उससे प्यार से साफकरवाएं ताकि उसे समझ आए कि मैंने गलती की है। (उर्वशी)