कौवा और कबूतर
घर की छत पर मेरे एक कौवे और एक कबूतर ने अपना-अपना घाेंसला बना रखा था। कौवा रोज़ सुबह उठ कर कांव-कांव करने लगता। इससे कबूतर की नींद टूट जाती और कौवे से कबूतर कहने लगता कौवा भाई तुम बहुत गंदे हो जो रोज सुबह हमें कांव-कांव कर के जगा देते हो। कौए को कबूतर की बात नागवार लगी और गुस्से में बोला तुम कौन होते हो हमें समझाने वाले मेरी मर्जी मैं चाहें कांव-कांव करुं या चुप रहू!
तुम भी तो दिन भर गुटर-गूं करते रहते हो मगर मैंने कभी नहीं कहा कि तुम गुटर-गूं करना छोड़ दो। कबूतर कौए की बात सुनकर चुप हो गया और कौए से बोलना बंद कर दिया।
एक रोज कौवा और कौवी भोजन की तलाश में कहीं दूर गए हुए थे। उसके घाेंसले में दो बच्चे चीं-चीं कर रहे थे। इतने में एक बाज पक्षी आया और कौए के घोसले में घुस कर कौए के बच्चे को अपनी चोंच से मारने लगा। बाज को देख कर कौए के बच्चे जोर जोर से चीं-चीं कर के चिल्लाने लगे।
इतने में कबूतर कौए की तलाश में निकल पड़ा। कौवा और कौवी दोनाें एक तालाब के किनारे केंचुए को पकड़ रहे थे।
कबूतर तुरंत कौए के पास पहुंच कर बोला कबूतर भाई तुम जल्दी घर चलो तुम्हारे घोंसले में एक बाज घुस गया है और तुम्हारे बच्चों को अपनी चोंच से मार रहा है अगर देर कर दी तो बाज तुम्हारे बच्चे को लेकर भाग जाएगा। इतना सुनते ही कौआ और कौवी दोनों शोर मचाते अपने घोंसले की ओर चल पड़े! साथ ही कौए की शोर सुनकर बहुत सारे कोए भी पीछे-पीछे चल पड़े।
सारे कौए घोसले के पास पहुंच कर बाज को चारों तरफ से घेर लिया।
बाज चाराें तरफ से अपने को कौवों से घिरा पा कर हाथ जोड़कर बोला मुझे माफ कर दो हमसे बहुत बड़ी गलती हो गई। अब मैं ऐसी गलती कभी नहीं करुंगा।
सारे कौए बाज को घोसले से निकाल कर उसे अपनी चोंच से मारने लगे।
कौओं की चोंच से मार खाकर बाज बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगा। तभी कबूतर आगे आकर बाज से बोला हम तुमको एक शर्त पर छोड़ेंगे अगर तुम कसम खाकर कह दो कि आज के बाद फिर कौए के घोंसले की तरफ आंख उठा कर नहीं देखोगे। कबूतर की बात सुनकर बाज कसम खाने को राजी हो गया। जैसे ही बाज ने कसम खाकर कहा कि आज के बाद मैं कभी कौए की घोंसले की ओर आंख उठा कर नहीं देखूंगा। बाज की बात सुनकर सारे कौए बाज को छोड़ दिया।
बाज उड़ कर बहुत दूर चला गया।
फिर कौए ने कबूतर से अपनी भूल की क्षमा मांगते हुए बोला कबूतर भाई उस दिन मैंने तुमको गुस्से में बहुत कुछ कह दिया उस बात की हम तुमसे क्षमा मांगते हैं और वादा करता हूं आज से हम दोनों एक-दूसरे के दोस्त बन कर रहेंगे। आज तुमने हमारे बच्चों को बाज से बचाने में हमारी जो मदद किया उसे जीवन भर याद रखूंगा।
कौए की बात सुनकर कबूतर खुशी से हंसने लगा। (सुमन सागर)