जम्मू-कश्मीर की सक्रियता

विगत दिवस प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ओर से कश्मीर के सोनमर्ग में 6.4 कि.मी. लम्बी सुरंग का उद्घाटन करके इस क्षेत्र में विकास की और बड़ी सम्भावनाएं पैदा की गई हैं। गगनगीर को सोनमर्ग से जोड़ने वाली इस सुरंग को वर्ष 2015 में शुरू किया गया था, परन्तु उसके बाद अनेक रुकावटों और दुश्वारियों के कारण यह काम लटकता गया। फिर भी इस महत्त्वपूर्ण काम को अंतत: सफलतापूर्वक सफल कर ही लिया गया है। यह सुरंग केन्द्रीय कश्मीर के गंदरबल ज़िले में स्थित है। इससे गगनगीर से सोनमर्ग तक यातायात आसान हो गया है। सोनमर्ग पर्यटकों का भी पसंदीदा स्थान है। बर्फबारी के दौरान यह रास्ता बंद हो जाता था। जम्मू-कश्मीर की पहाड़ियों में बेहद मुश्किल हालात में इसके लिए रास्ता बनाया गया है। इसलिए इसे ज़ैड-मोड़ का नाम भी दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद इसके लिए 33 सुरंगें बनाने की योजना बनाई गई थी, जिनमें 15 पूर्ण हो चुकी हैं।
अब बनी नई सुरंग भू-स्खलन और बर्फबारी के ़खतरे वाले रास्तों को बाईपास करेगी। सोनमर्ग तक इस सुरंग के बनने से जहां सेना को सीमांत क्षेत्रों तक पहुंचने में आसानी होगी, वहीं सोनमर्ग का सीधा संबंध राजधानी श्रीनगर के साथ भी जुड़ जाएगा। ऐसा होने से इस क्षेत्र की आर्थिकता मज़बूत हो सकेगी तथा पूरा वर्ष हर मौसम में पर्यटकों को भी यहां पहुंचने में बड़ी आसानी होगी। इसके निकट ही अन्य  सम्पर्क सड़कों और पर्यटकों के लिए जोजीला सुरंग का निर्माण भी तेज़ी से किया जा रहा है। सुरक्षा के पक्ष से भी इस सुरंग से कारगिल तथा लेह तक हर तरह का यातायात हो सकेगा। इससे पहले दोनों ओर के लोगों को ज़रूरी वस्तुओं एवं डाक्टरी सुविधाओं के लिए बेहद परेशानी में से गुज़रना पड़ रहा था। 2700 करोड़ की लागत से बनाई गई इस सुरंग से कश्मीर की ज़िन्दगी की धड़कन और भी बढ़ने की सम्भावना है।
इसके उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री के साथ केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से जम्मू-कश्मीर के लिए शुरू किए कार्यों की भरपूर प्रशंसा की। पिछले समय में इस क्षेत्र में मूलभूत ढांचे का बड़ा विकास हुआ है तथा पूरे जम्मू-कश्मीर को राज-मार्गों के साथ जोड़ दिया गया है। इसके लिए उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जून में तीन वायदे किये थे, जिनमें से उन्होंने दो वायदे पूरे कर दिये हैं। एक, यहां के ढांचे को विकसित करना था तथा दूसरा उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार पुन: बनने पर चार मास के भीतर-भीतर यहां चुनाव करवा दिए जाएंगे, जो वायदा उन्होंने पूरा कर दिया है। इसी तरह दो सप्ताह पहले उन्होंने वर्च्युल समारोह द्वारा जम्मू रेलवे डिवीज़न का उद्घाटन किया था, जिससे पूरी कश्मीर घाटी को तेज़ी से देश के साथ जोड़ दिया जाएगा। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अब प्रधानमंत्री ने अपना जो तीसरा वायदा पूरा करना है, वह जम्मू-कश्मीर को प्रदेश का दर्जा देने की घोषणा है। उन्हें उम्मीद है कि यह घोषणा भी शीघ्र ही कर दी जाएगी।
चाहे उमर अब्दुल्ला की इन बातों का कश्मीर की कई विपक्षी पार्टियों, जिनमें पीपुल्स डैमोक्रेटिक पार्टी की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं, ने भारी विरोध किया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि भाजपा सरकार की ओर से अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाली धारा 370 को खत्म कर दिया था, जिसकी बहाली की इच्छा आज भी बड़ी संख्या में लोग रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि फारूक की पार्टी ने भी अपने चुनाव प्रचार के समय इस संबंध में बार-बार ज़िक्र किया था, परन्तु अब इस धारा की बहाली को उन्होंने पूरी तरह भुला दिया है।
हम समझते हैं कि 1950 के बाद देश को मिले नये संविधान के अनुसार यह धारा हालात के दृष्टिगत अस्थायी रूप से लगाई गई थी, जिसका समूचे देश के सन्दर्भ में अब कोई महत्त्व नहीं रहा। जम्मू-कश्मीर के लोग अपने क्षेत्र के विकास में तेज़ी चाहते हैं तथा दरपेश मुश्किलों का हल चाहते हैं। इसलिए केन्द्र सरकार को उनकी भावनाओं एवं उमंगों को मुख्य रखते हुए और भी बड़े यत्न करके उनकी मदद के लिए विशेष योजनाएं बनाई जानी चाहिएं तथा उन्हें निर्धारित समय में सफल भी बनाना चाहिए।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द

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