पंजाब और राजस्थान के क्षेत्र प्यासे

जयपुर, 23 जून (भाषा): देश में पानी को लेकर हाहाकार मचा है और दूसरी तरफ राजस्थान और पंजाब में खेतों की सिंचाई करने में काम आ सकने वाला हज़ारों क्यूसेक पानी सिर्फ इसलिए पाकिस्तान की तरफ बह रहा है क्योंकि हमारी नहरें कमज़ोर होने के कारण अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप पानी लेकर उसे खेतों तक नहीं पहुंचा पा रही। राजस्थान सरकार ने इस बारे में स्थिति रिपोर्ट मांगी है और पंजाब सरकार से नहरों की मरम्मत करवाने की मांग की है। किसान नेताओं के अनुसार, एक महीने से हर दिन औसतन 5 से 6 हज़ार क्यूसेक पानी पाकिस्तान जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमारे यहां से बिना वजह पाकिस्तान को जाने वाले पानी को भले ही पूरी तरह से नहीं रोका जा सकता लेकिन नहरों की स्थिति सुधारकर इसकी कम से कम आधे से अधिक मात्रा का देश में उपयोग किया जा सकता है। पाकिस्तान जाने वाला पानी दरअसल पंजाब में ब्यास और सतलुज नदी पर बने हरिके बैराज की अधिशेष मात्रा से छोड़ा जाता है। यह पानी हुसैनी वाला हैड से होता हुआ पाकिस्तान चला जाता है। अधिकारियों का कहना है पंजाब में धान की रोपाई शुरू होने के बाद हालात सामान्य हैं। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (हनुमानगढ़) विनोद मित्तल ने कहा कि सरकार ने हमसे स्थिति रिपोर्ट मांगी थी जो हमने भेज दी। उस समय पंजाब अपने हिस्से का पानी नहीं ले रहा था। लेकिन अब हालात सामान्य है। गंगानगर के विधायक राजकुमार गौड़ ने कहा कि पानी पाकिस्तान जा रहा है यह बात तो वहां पंजाब के सिंचाई अधिकारी भी कह रहे हैं और इस बारे में रपटें भी यहां प्रकाशित हुई हैं। हमारी नहरें क्षमता अनुसार पानी ले नहीं रही हैं। अगर बांध से पानी की निकासी नहीं होगी तो कई इलाकों में बाढ़ या ऐसी परेशानी हो सकती है। इसलिए पानी छोड़ना मजबूरी है।’ किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल के अनुसार पानी लगातार पाकिस्तान को छोड़ा जा रहा है। इसी शुक्रवार को 2065 क्यूसेक पानी हरिकेपत्तन से पाकिस्तान छोड़ा गया। आप मान कर चलिए कि 20 मई के बाद से लगभग एक महीने में हर दिन औसतन 5000 से 6000 क्यूसेक पानी यूं ही बर्बाद होता है जो पाकिस्तान चला जाता है।’ गंगानगर किसान समिति के संयोजक रणजीत सिंह राजू ने कहा कि पानी इसलिए यूँ ही छोड़ना पड़ रहा है क्योंकि हमारी नहरें, चाहे वह गंगनहर हो, या राजकैनाल (इंदिरा गांधी नहर) हो, इस हालत में है ही नहीं कि पूरा पानी ले सकतीं। गंगनहर को पानी देने वाले फिरोजपुर फीडर की क्षमता 6000 क्यूसेक की है उसमें पानी चलता है मुश्किल से 4500 क्यूसेक है, इसी तरह राजकैनाल की क्षमता 3200 क्यूसेक की है लेकिन 1800 क्यूसके पानी छोड़ते ही वह हांफने लगती है।’ हालांकि राजू मानते हैं कि पर्याप्त बारिश होने पर पाकिस्तान को जाने वाले पानी को पूरी तरह नहीं रोका जा सकता लेकिन नहरों की स्थिति सुधारकर इसमें आधे तक कमी लाई जा सकती है और इसका सीधा फायदा पंजाब के साथ-साथ हनुमानगढ़ गंगानगर ज़िलों को होगा जिन्हें राजस्थान का धान का कटोरा कहा जाता है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गंगनहर और भाखड़ा नहर को पानी देने वाली फिरोजपुर फीडर की मरम्मत के लिए हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को पत्र लिखा है। उन्होंने इस फीडर की रिलाइनिंग (पुननिर्माण) का काम जल्द से जल्द करवाने की मांग की है ताकि राजस्थान में गंगनहर और भाखड़ा नहरों के किसानों को पूरा पानी मिल सके। फिरोजपुर फीडर को पंजाब और राजस्थान के किसानों की ‘लाईफ लाइन’ माना जाता है। इसकी क्षमता 11,192 क्यूसेक की है, लेकिन नहर में 7500 क्यूसेक से ज्यादा पानी नहीं छोड़ा जाता क्योंकि उस स्थिति में यह कहीं से भी टूट सकती है। कमोबेश यही हालत इंदिरा गांधी नहर की है, इसकी मूल क्षमता 18500 क्यूसेक थी लेकिन इसमें अब पानी मुश्किल से 11000 क्यूसेक ही चल पाता है। इसी तरह गंगनहर की क्षमता 3000 क्यूसेक की है लेकिन यह 2400 -2500 क्यूसेक से ज्यादा पानी नहीं ले पाती। अगर तीनों नहरें ठीक हों तो पानी यहीं काम आ जाए। उधर छोड़ने की ज़रूरत नहीं पड़े।’ नहरी पानी से सिंचित घोषित 60 प्रतिशत ज़मीन खाली पड़ी है और पानी पाकिस्तान बह जाता है।’ उल्लेखनीय है हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में इलाके से पाकिस्तान को पानी जाने को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया था।