राजनीति से हटकर दोनों पंजाब के लोगों के रिश्तों की बात करती है फिल्म ‘चल मेरा पुत्त’

जालन्धर, 26 जुलाई (हरविन्द्र सिंह फुल्ल): विदेश जाकर अच्छे रहन-सहन और खुशहाल जीवन की चाहत दोनों पंजाबों से धड़ाधड़ विदेश पहुंच रहे लड़के-लड़कियों की कहानी है, प्रसिद्ध गायक, निर्माता और अभिनेता अमरेन्द्र गिल की आज दुनिया भर में रिलीज हुई फिल्म ‘चल मेरा पुत्त।’ राकेश धवन द्वारा लिखी इस कहानी को बड़े पड़े पर निर्देशक जनजोत सिंह ने बड़े पर्दे पर दिखाकर पात्रों में जान डाल दी है कि कैसे अपनी धरती से दूर बसते प्रवासी जिन परिस्थितियों में रहते हैं उन परिस्तितियों में उनकी समस्याएं भी सांझी होती हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि जिंदर (अमरेन्द्र गिल), बिल्ला (गुरशबद), बिकर चाचा ढोली (हरदीप गिल), सैवी (सिम्मी चाहल) और दूसरी ओर चौधरी शमशेर (इफ्तिखार ठाकुर), अकरम दास (बूटा) एवं तबरेज (नासिर चिनौटी) जो अपने-अपने देशों से अच्छे भविष्य की चाहत लेकर इंग्लैंड पहुंचते हैं। वहीं गैर-कानूनी प्रवास दौरान उनका कैसे शोषण होता है, पीछे परिवार ने उनसे क्या-क्या आशाएं लगा रखी हैं, इसके अतिरिक्त उनको ओर कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है वह तो फिल्म देखने पर ही पता लगता है। शायद यह पहली पंजाबी फिल्म है जिसमें पूर्वी और पश्चिमी पंजाब के कलाकारों ने इकट्ठे कार्य किया है जिसके द्वारा दोनों पंजाबों के लोगों को संदेश देने की कोशिश की गई है कि हमारी बोली सांझी, दुख-सुख सांझे, संस्कृति सांझी फिर भी राजनीति भारी होने के कारण हम अलग-अलग हैं। फिल्म कामेडी है जो स्वयं उपजती है और विछोड़े की उत्कंठा उसको भावुक करती है। फिल्म का गीत-संगीत दर्शकों को भाता है। फिल्म की प्रसिद्धि को देखते हुए दुबई से तरलोचन सिंह भाटिया ने फोन पर बातचीत करते हुए बताया कि फिल्म सारी दुनिया में रिलीज हुई है परन्तु दुबई में रिलीज न होने के कारण दुबई बसते भारतीय एवं पाकिस्तानी प्रशंसक यह फिल्म देखने से वंचित रह गए।