मोदी शताब्दी समारोहों पर पंजाबियों में दरार डालने की जगह एकजुट रखने का प्रयास करें : बाजवा

चंडीगढ़, 1 नवम्बर (अ.स.): पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान व सांसद स. प्रताप सिंह बाजवा ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से अपील की कि वह श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं शताब्दी समारोहों में शिरकत के मौके पर राजनीतिक सोच के अंतर्गत किसी गुटबंदी को पैदा करने की जगह समारोहों के एकीकरण के लिए प्रयास करें। उन्होंने प्रधानमंत्री को कहा कि वह इस महान ऐतिहासिक मौके पर सिख कौम में दरार डाल कर न जाएं बल्कि जोड़ कर रखने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि पंजाब एक सरहद्दी राज्य होने के कारण अत्यंत संवेदनशील है, जिसने पहले 15 वर्ष आतंकवाद भोगा है तथा विदेशी शक्तियां पंजाब में आज भी उथल-पुथल की कोशिश में हैं। स. बाजवा ने आज यहां कुछ चुनिंदा पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि इतिहास में कुछ ऐसे मौके भी होते हैं जब राजनीतिक को पीछे रख कर देश व कौम को एकजुट दिखाए जाने की ज़रूरत होती है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी की इस शताब्दी को लेकर जहां सभी देशों में बड़ा उत्साह तथा समारोह हो रहे हैं उनके नाम लेवा सिखों की जन्म भूमि पर ऐसी दरार अत्यंत दुखदायी व अफसोसजनक है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल से भी कहा कि वह अपनी छोटी निजी राजनीति व रंजिश को इस अवसर पर भूल कर अच्छी सोच का प्रदर्शन करें। स. बाजवा ने कहा कि यदि पंजाब सरकार द्वारा 5 करोड़ के सार्वजनिक फंडों से समारोहों के लिए एक मंच निर्मित हो गया था तो केन्द्र सरकार को उसी मंच का प्रयोग करने में क्या एतराज़ था कि उनके द्वारा 3 किलोमीटर दूर जाकर अपना अलग मंच लगाने का फैसला लिया गया।  स. बाजवा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस मंत्रियों व विधायकों द्वारा पिछले अढ़ाई वर्षों से बादलों से  राज्य का केबल नैटवर्क, बस ट्रांसपोर्ट, शराब का व्यापार व रेत बजरी की हो रही लूट समाप्त करने की लगातार मांग की जा रही है लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंधी आज तक कुछ नहीं किया गया जिससे राज्य के लोग कैप्टन व बादलों को एकजुट समझ रहे हैं लेकिन सरकारी संस्थानों की लूट ली है यदि वे इकट्ठे हैं तो श्री गुरु नानक देव के नाम पर एक मंच पर एकत्रित क्यों नहीं बैठ सकते। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व पंजाब सरकार शताब्दी समारोहों को इकट्ठे माने में असफल साबित हुई है जिसका समूचे सिख जगत को बड़ा अफसोस व निराशा हो रही है।