जालंधर में भारी बारिश के बाद कई स्थानों पर गेहूं की फसल तबाह

जालन्धर, 29 फरवरी (जसपाल सिंह): पंजाब के बहुत से हिस्सों में हुई बारिश व ओलावृष्टि ने गेहूं व आलुओं की फसल का भारी नुक्सान किया है। बारिश के साथ चली तेज़ हवाओं के कारण कई जगह गेहूं की फसल नष्ट हो गई है और ओलावृष्टि से गेहूं को भारी नुक्सान पहुंचा है। जालन्धर, कपूरथला, होशियारपुर, अमृतसर, शहीद भगत सिंह नगर, रोपड़ व मोहाली आदि ज़िलों में बेमौसमी बारिश से गेहूं की फसल नष्ट होने के कारण किसानों के चेहरों पर चिंता साफ देखी जा सकती है। ओलावृष्टि के कारण बरसीम व चरी आदि सहित हरा चारा भी नष्ट हो गया है व ओलावृष्टि के कारण हरा चारा एक तरह से बर्बाद हो गया है। इसके साथ ही दोआबा क्षेत्र में जहां आलुओं की फसल ज्यादा बीजी जाती है वहां पड़ी इस बारिश से आलुओं को भी काफी नुक्सान हुआ है। कपूरथला व जालन्धर आदि ज़िलों में आलुओं के खेत पानी से भर गए हैं। इस समय आलुओं की खुदाई चल रही थी व इस बारिश से न केवल खुदाई में देरी होगी, वहीं आलुओं के सड़ने का भी खतरा है। आलुओं की खुदाई में देरी के कारण मक्की की बिजाई भी पिछड़ने की संभावना है। उधर शनिवार सुबह से शुरू हुई बारिश रुक-रुक कर सारा दिन जारी रही व कई जगहों पर तेज़ हवाएं चलीं व ओलावृष्टि भी हुई। हालांकि कृषि विशेषज्ञों द्वारा हुई बारिश को गेहूं की फसल के लिए लाभदायक बताते हुए कहा जा रहा है कि तापमान में हुई वृद्धि से गेहूं की फसल को पानी की ज़रूरत थी व बारिश होने के कारण भूमिगत पानी का बचाव हुआ है। इसके साथ ही उन्हाेंने कहा कि बारिश का गेहूं के झाड़ पर भी असर होने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि अभी गेहूं की फसल तैयार हो रही है व अप्रैल में जाकर गेहूं तैयार होती है परन्तु कई जगहों पर तेज़ हवाएं व ओलावृष्टि से ज़रूर गेहूं को नुक्सान हो सकता है। उधर मौसम विभाग द्वारा आने वाली 5-6 मार्च को और बारिश होने की भविष्यावाणी ने किसानों को चिंतित कर दिया है। जालन्धर के किसान गुरदेव सिंह लाली ने बारिश को गेहूं की फसल के लिए नुक्सानदेह बताते हुए कहा कि गेहूं बिछ गई है व हरे चारे को भी नुक्सान पहुंचा है। प्रसिद्ध आलू उत्पादक जसविन्द्र सिंह संघा व प्रितपाल सिंह ढिल्लों ने बताया कि अभी तक आलुओं की आधे से अधिक खुदाई रहती है परन्तु इस बारिश से आलुओं को काफी नुक्सान होने का डर है। उन्होंने कहा कि इस बार आलुओं का भाव ठीक होने के कारण किसानों के चेहरों पर रौणक थी, परन्तु बारिश से आलुओं को नुक्सान पहुंचा है। कपूरथला ज़िले के किसान हरजिन्द्र सिंह ने कहा कि बेमौसमी बारिश से गेहूं की फसल पर बुरा असर पड़ेगा। कपूरथला के मुख्य कृषि अधिकारी कमलजीत सिंह ने कहा कि सही नुक्सान का पता देर सायं तक ही चल सकेगा। उन्हाेंने कहा कि तापमान में कमी गेहूं, सब्ज़ियां, चना व सरसों आदि अन्यों फसलों के लिए लाभदायक होती है बशर्तें कि तेज़ हवाएं न चलें व ओलावृष्टि न हो।   तरोबड़ी माइनर में 20 फुट दरार पड़ी-मंडी लाधूका नज़दीक गांव कीड़ियां वाली से गुजरती तरोबड़ी माइनर में 20 फुट लम्बी दरार पड़ जाने के कारण 30 एकड़ के लगभग गेहूं की फसल प्रभावित होने की आशंका है। किसानों ने मौके पर पहुंच कर माइनर को बांधने का काम शुरू किया, जबकि नहर को बांधने के लिए विभाग का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा था। नहरी विभाग के जे.ई. चरनजीत सिंह ने कहा कि दरार पड़ने का पता लगते ही उन्हाेंने पीछे से पानी बंद करवाया। उन्हाेंने कहा कि किसानों की मांग पर ही माइनर में पानी छोड़ा था, परन्तु मौसम खराब होने के कारण किसानों ने मोघे बंद कर दिये, जिस कारण दरार पड़ गया।