कोरोना के कारण सब्सिडी से पावरकाम का इस बार हाथ रहेगा तंग

जालन्धर, 21 मई (शिव शर्मा): कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष की नई बिजली दरों का काम पीछे डाल दिया गया है तथा इसके साथ ही सरकार द्वारा इस बार पावरकाम को जो सब्सिडी की राशि दी जानी है, उसकी राशि काफी हद तक कम हो जाएगी। पंजाब सरकार द्वारा पावरकाम को कृषि वर्ग व औद्योगिक वर्गों सहित कुछ अन्य वर्गों के लिए वार्षिक 10000 करोड़ की सब्सिडी की राशि की अदायगी करती है। कोरोना के कारण जिस तरह से पंजाब में दो माह तक कारोबार, औद्योगिक इकाईयों में काम ठप्प होकर रह गया था, उससे पंजाब सरकार द्वारा पावरकाम को इस वर्ष 500 करोड़ की कम अदायगी करेगी। पंजाब सरकार औद्योगिक इकाईयों के लिए पावरकाम को हर वर्ष 2000 करोड़ रुपए की अदायगी करती है। मार्च, अप्रैल के 330 करोड़ के फिक्स चार्जिज़ की अदायगी भी अब औद्योगिक इकाईयों को करनी पड़नी है, यह भी साफ हो गया है क्योंकि अप्रैल के माह दो माह का फिक्स चार्जिज़ माफ करने का वायदा किया गया था परन्तु आय के हो रहे नुक्सान के कारण पावरकाम ने भी यह नुक्सान झेलने से इन्कार कर दिया है। औद्योगिक इकाईयों को दो माह के लगभग 330 करोड़ का भार कुछ माह बाद पड़ना शुरू होगा। दो माह औद्योगिक इकाईयों में काम बिल्कुल ठप्प रहा है बल्कि इस वर्ष औद्योगिक इकाईयों में सामान तैयार करने के उत्पादन में कमी आ सकती है जिससे पिछले वर्ष की तरह बिजली की खपत नहीं हो सकेगी। पंजाब बिजली अथारिटी कमिशन ने कोरोना संकट के कारण इस बार वर्ष 2020-21 की बिजली दरों की घोषणा नहीं की है तथा उसमें ही फैसला किया जाता है कि पंजाब सरकार कृषि वर्ग के लिए पावरकाम को सब्सिडी की कितनी राशि की अदायगी करेगी। पिछले वर्ष का पावरकाम ने पंजाब सरकार से लगभग 5500 करोड़ रुपए लेना है। अप्रैल व मई माह का पंजाब सरकार ने पावरकाम को 1600 करोड़ की सब्सिडी की अदायगी करनी थी जिसमें 700 करोड़ रुपए अभी तक जारी किया गया है। पावरकाम के पास भी इस बार फंडों का संकट है जिससे पैडी सीज़न के लिए बिजली खरीदने के लिए उसको बैंकों से और ऋण लेना पड़ेगा। शेष क्षेत्रों की तरह कोरोना काल के कारण पावरकाम का हाथ इस वर्ष फंडों के मामले में तंग रहने वाला है।