सम्मानीय और सुरक्षित जॉब असिस्टेंट लोको पायलट

भारतीय रेलवे में एक लाख से ज्यादा लोको पायलट हैं। चूंकि साल 2030 तक भारतीय रेलवे अपना आमूलचूल परिवर्तन करने जा रही है, इसलिए अगले सात आठ सालों तक हर साल औसतन साढ़े पांच से छह हजार असिस्टेंट लोको पायलट (एएलपी) की भर्ती होनी तय है। इस साल 5696 असिस्टेंट लोको पायलट की भर्ती के लिए आवेदन की आखिरी तारीख निकल चुकी है, लेकिन जल्द ही अगली भर्ती की प्रक्रिया का सिलसिला शुरू होने वाला है और यह कई सालों तक निरंतर जारी रहेगा। इसलिए अगर आप इस मीडियम रेंज के शानदार, सुरक्षित और सम्मानीय जॉब के इच्छुक हैं, तो इसके बारे में गंभीरता से सोचना, पढ़ना और तैयारी करनी शुरू कर दें। करीब-करीब हर समय ड्यूटी में मौजूद रहने वाले 65,000 लोको पायलट में से 10,000 से ज्यादा को हर सप्ताह दो से तीन दिन ओवर टाइम करना पड़ता है, जिसका मतलब है कि कमसे कम 30 से 35,000 लोको पायलट रेलवे को तुरंत और चाहिए। बॉम्बे उपनगरीय रेल सेवाओं के लिए जितने असिस्टेंट लोको पायलट चाहिए, उनमें से सिर्फ आधे ही हैं। देश के बाकी महानगरों में चलने वाली सर्कुलर ट्रेन सर्विसेज में भी असिस्टेंट लोको पायलट की ऐसी ही कमी मौजूद है। क्योंकि अभी तक महिला लोको पायलट 5 प्रतिशत भी नहीं हैं और 2035 तक कम से कम 30 प्रतिशत असिस्टेंट लोको पायलट महिलाओं के किये जाने का लक्ष्य है। इस कारण आने वाले सालों में लगातार महिला असिस्टेंट लोको पायलट की ज़रूरत बनी रहेगी।
लब्बोलुआब यह कि आप भारतीय रेलवे की इस सम्मानीय नौकरी एएलपी की तैयारी कर सकते हैं। इसके लिए बहुत हाई फाई एजुकेशन की भी ज़रूरत नहीं होती। लोको पायलट की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता विज्ञान विषयों के साथ 10वीं पास होना है। इसके साथ ही मैकेनिकल, इलेक्टॉनिक्स, टेक्नीशियन आदि ट्रेडों से आईटीआई या कहीं और से डिप्लोमा होना चाहिए। असिस्टेंट लोको पायलट बनने के लिए भारतीय रेलवे भर्ती बोर्ड की संयुक्त सहायक लोको पायलट परीक्षा पास करनी होती है, इसके बाद शारीरिक दक्षता और शारीरिक परीक्षण व मैडीकल जांच से भी गुजरना होता है। इन स्तरों में पास होने के बाद आप इस बेहद कंपटीटिव जॉब को पाने के हकदार हो सकते हैं।
7वें वेतन आयोग के दिशा निर्देशों के मुताबिक एक असिस्टेंट लोको पायलट की शुरुआती सैलरी इनहैंड 25000 रुपये से 35000 रुपये के बीच होती है। 60 हजार किलोमीटर ट्रेन चला लेने के बाद असिस्टेंट लोको पायलट का सीनियर पायलट में प्रमोशन हो जाता है, तब उसकी मासिक सैलरी बढ़कर 60,000 रुपये तक हो जाती है और अगले कुछ सालों तक अनुभव हासिल करने के बाद ट्रेन का एक लोको पायलट एक लाख से सवा लाख रुपये तक की सैलरी का हकदार हो जाता है। असिस्टेंट लोको पायलट की सैलरी में बहुत तरह के भत्ते शामिल होते हैं। जैसे महंगाई भत्ता, हाउसिंग रेंट, नाइट ड्यूटी भत्ता, किराया भत्ता और ग्रेड पे। बहुत तरह के भत्तों से लोको पायलट की अंतिम सैलरी बनती है। क्योंकि इस समय रेलवे को जितने लोको पायलट और को-पायलट और असिस्टेंट लोको पायलटों की जरूरत है, उसमें से करीब 40 प्रतिशत की कमी है। इस कारण हर मोटर मैन यानी लोको पायलट के पास ओवर टाइम करने की सुविधा होती है। लोको पायलट की जॉब इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें तकनीकी रूप से भले बड़ी डिग्रियों की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन यह काम पूरी तरह से ट्रेंड इंजीनियरिंग का ही होता है, जिससे लगातार प्रमोशन की संभावनाएं बनी रहती है। इसके साथ ही आने वाले सालों में भारतीय रेलवे के एक बड़े हिस्से का प्राइवेट टाइजेशन होगा। उस समय ट्रेंड सीनियर लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलटों की प्राइवेट क्षेत्र को बड़ी संख्या में ज़रूरत पैदा होगी, इसलिए यह ऐसा क्षेत्र है, जिसमें बेरोज़गार रहने की आशंकाएं नहीं है। यही नहीं भारतीय रेलवे उच्च दर्जे का संस्थान है, जिसमें अनुभव हासिल करने वाले विभिन्न टेक्नीशियंस की पूरी दुनिया में बड़ी मांग रहती है। आने वाले सालों में भारत ही नहीं दक्षिण एशिया सहित दुनिया के कई हिस्सों में रेल क्रांति की पूरी भूमिकाएं बन रही हैं। क्योंकि रेलवे यातायात अभी भी सबसे सुरक्षित और सस्ता है। इसलिए न सिर्फ भारत में बल्कि असिस्टेंट लोको पायलट बनने के बाद विदेशों में भी नौकरी के कई दरवाजे खुल जाते हैं। रूस, कजाखिस्तान, ब्राजील, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा सहित दुनिया के 65 से 70 देशों में आने वाले एक दशक में कई लाख करोड़ का रेलवे नेटवर्क बढ़ने जा रहा है और ज्यादातर रोजमर्रा के यातायात और माल ढुलाई की जिम्मेदारी भी रेलवे के हिस्से में आती जा रही है। कहने का मतलब यह कि आपने रेलवे के असिस्टेंट लोको पायलट की एक बार ट्रेनिंग पूरी कर लेते हैं तो भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में रोज़गार की भरपूर संभावनाएं बन जाती हैं। इसलिए अगर 10वीं पास करने जा रहे हैं और अभी तक किसी खास विषय को फोकस नहीं किया, तो इस क्षेत्र को भी आजमाया जा सकता है।

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