बिक्रम सिंह मजीठिया से संबंधित अंतिम बहस पर 29 अक्टूबर को होगी सुनवाई
चंडीगढ़, 14 अक्तूबर- शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को आय से अधिक संपत्ति मामले में अभी तक राहत नहीं मिली है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति मामले में उनकी ज़मानत याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान, विजिलेंस ब्यूरो ने फिर से समय मांगा है। हालाँकि, अदालत ने तर्क दिया कि इस मामले में आरोपपत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है, इसलिए आगे बहस अनावश्यक है। अब इस मामले में अंतिम बहस 29 अक्टूबर को होगी।
सुनवाई के बाद, बिक्रम सिंह मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह क्लेर ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान, अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। उन्हें दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा गया था। उन्हें कोई भी प्रासंगिक दलीलें दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था।
लेकिन आज सुनवाई शुरू होते ही विजिलेंस ब्यूरो ने फिर से समय मांगा। अदालत ने पूछा कि आपको पहले ही एक महीने का समय दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अदालत ने यह भी तर्क दिया कि चूँकि इस मामले में आरोप पत्र पहले ही दाखिल हो चुका है, इसलिए जवाब देने की कोई ज़रूरत नहीं है।
क्लेयर ने कहा कि इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि सरकार के पास कहने के लिए और कुछ नहीं है। यह आम आदमी पार्टी सरकार की निम्नस्तरीय राजनीति है। उन्हें पता है कि दिवाली आ रही है। वे दिवाली पर बिक्रम मजीठिया को जेल में रखना चाहते हैं। शिरोमणि अकाली दल संघर्ष से उपजा समूह है। क्या ये बातें अकाली दल का मनोबल तोड़ देंगी? उन्होंने कहा कि यह लड़ाई जारी रहेगी।