जीएसटी कार्यालयों के रिकॉर्ड की होने लगी जांच

जालन्धर, 21 जनवरी (शिव शर्मा) : पंजाब के जी.एस.टी. कार्यालय के निचले स्तर के कार्य देखने की जांच का काम शुरू हो गया है। पंजाब सरकार ने पहली बार इन कार्यालयों की जांच का कार्य इसलिए भी शुरू करवाया है, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा अधिकारी टैक्स वसूली और एक्साईज़ वसूली के कार्य में लगे रहते थे, जबकि कई जगह निचले स्तर के कार्य प्रभावित हो रहे हैं और कई जगह तो निचले स्टाफ संबंधी भी सरकार तक रिपोर्ट नहीं पहुंच रही थी। कुछ दिन पहले ही पंजाब सरकार ने जी.एस.टी. कार्यालय की जांच करके रिपोर्ट देने के लिए कहा है। सूत्रों की माने तो कई कार्यालयों में कर्मचारियों की ए.सी.आर. सहित अन्य भी कई विवादों के रिकार्ड की तरफ कभी नज़र नहीं पड़ी थी। इस तरह के मामले लम्बे समय से लटक रहे हैं या फिर कई अधिकारी इसे मामूली कहकर टाल-मटोल कर देते हैं। सरकार के पास भी इस तरह के कई मामले पहुंचे हैं, जिनका आज तक निपटारा नहीं किया गया था या फिर रिकॉर्ड के बारे में भी कईयों को सही जानकारी नहीं थी। पंजाब के जी.एस.टी. कमिश्नर की हिदायत के बाद कार्यालयों में इस तरह की जांच का कार्य शुरू हो गया है। ई.टी.ओ. या अन्य अधिकारी अपने कार्यालय की जांच का कार्य स्वयं नहीं कर सकेंगे, बल्कि यह कार्य दूसरे क्षेत्र के अधिकारी आकर कार्यालय के कार्य की रिपोर्ट बनाएंगे।
बताया जा रहा है कि जब से कई अधिकारियों ने दूसरे कार्यालयों की जांच का कार्य शुरू किया है, उनको हैरान करने वाले मामले भी मिल रहे हैं, जिनको कई वर्षों से छेड़ा नहीं गया है और न ही इसके बारे में उच्चाधिकारियों से कोई चर्चा की गई है। पंजाब के कमिश्नर ने सभी कार्यालयों की जांच करके रिपोर्ट 31 जनवरी तक मांगी है। सूत्रों की मानें तो अगर कार्यालय में अनियमितताएं या अन्य मामले देखने के लिए वर्षों बाद इनकी जांच करने का काम देखा जा सकता है तो रिपोर्ट आने के बाद अपराधियों पर कार्रवाई की भी सरकार ने पहले ही तैयारी कर ली है। चर्चा है कि सरकार के पास इस तरह की रिपोर्ट है कि कई कर्मचारियों को निचले स्तर पर परेशान किया जा रहा है। जब जांच कर रहे अधिकारियों की रिपोर्ट आएगी, तब उनकी पुष्टि होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। कार्यालयों में चल रही अंदरूनी जांच से यह भी पता चल जाएगा कि कार्यालयों में मौजूद रिकार्ड से किसी तरह की छेड़छाड़ तो नहीं की गई। वैसे उद्योगपति भी ये आरोप लगा रहे हैं कि कार्यालय में रिकार्ड होने के बावजूद उनको वैट केस की एसैसमैंट करवाने के लिए रिकार्ड साथ लेकर आने को कहा जाता है तो क्या विभाग के पास से रिकार्ड गुम हो गया है। इसका पता भी जांच में लग जाएगा।