सरकारी अध्यापकों पर दर्ज पुलिस केस होंगे रद्द

चंडीगढ़, 27 अप्रैल (विक्रमजीत सिंह मान) : पंजाब सरकार ने पिछले लगभग सवा साल के कांग्रेसी शासन दौरान सरकारी स्कूलों के अध्यापकों पर दर्ज केस रद्द करने पर सहमति प्रकट कर दी है। यह केस गत दिनों सरकारी अध्यापकों द्वारा लुधियाना में किए गए संघर्ष दौरान पुलिस द्वारा दर्ज किए गए थे। आज यहां मुख्यमंत्री निवास में लगभग डेढ़ घंटा चली बैठक दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने संयुक्त अध्यापक मोर्चे के 15 सूत्रीय मांग पत्र पर सहमति प्रकट करते अपने शासन के समय अध्यापकों के विरुद्ध दर्ज केस रद्द करने प्रति सहमति प्रकट कर दी तथा इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने सर्व शिक्षा अध्यापकों के अहम मामले, 5178 अध्यापकों को पक्के करने तथा शिक्षा वालंटियरों को योग्य वेतनों की मांगों को पूरी तरह जायज़ बताते शाहकोट उप चुनाव आचार संहिता का हवाला दिया तथा चुनाव आचार संहिता कारण कोई घोषणा करने पर असमर्थतता प्रकट की। बैठक बारे उपरोक्त समूह जानकारियां देते मोर्चे के संयोजक तथा वरिष्ठ अध्यापक नेता बाज सिंह खैहरा, सुखविन्द्र सिंह चाहल, भूपिन्द्र सिंह वड़ैच, कुलवंत सिंह गिल तथा बलकार सिंह वल्टोहा ने बताया कि मुख्यमंत्री आगे मुख्य तौर पर सर्व शिक्षा अध्यापकों को शिक्षा विभाग में पक्के करने तथा पूर्ण वेतन स्केल देने की मांग रखी गई तथा इसके साथ-साथ 5178 अध्यापकों में से 2400 अध्यापकों को पक्का करने, शिक्षा वालंटियरों को अच्छा वेतन देने तथा अध्यापकों का तबादला नीति बारे मांगें रखीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तबादला नीति स्टे कर दी गई है। अध्यापकों नेताओं अनुसार मुख्यमंत्री ने मोर्चे से 4 जून को दोबारा बैठक बुला ली है। बैठक में शिक्षा मंत्री श्री ओ.पी. सोनी, शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार, राजनीतिक सलाहकार मुख्यमंत्री  कैप्टन संदीप संधू तथा अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।