सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त 'तेंदुए' से भी सेना ने ली मदद 

नई दिल्ली, 12 सितम्बर - जम्मू कश्मीर में उरी आतंकवादी हमले के बाद बदला लेने के लिए जब सेना ने एलओसी पार कर पाकिस्तानी सीमा के 15 किलोमीटर अंदर दाख़िल होकर जब आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाया, उस दौरान तेंदुए के मल -पेशाब से भी सेना को मदद मिली। सेना में पूर्व नगरोटा कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र निंबोरकर ने पुणे में यह बात कही। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि उनको पता था कि उस इलाके के जंगलों में तेंदुए अक्सर कुत्तों पर हमले कर देते हैं। जब सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन देने की रणनीति बनाई गई, तो इस बात का भी ख़्याल रखा गया कि सीमा पर आसपास के जंगलों में हमने देखा है कि तेंदुए अक्सर कुत्तों पर हमला करते हैं और इन हमलों से खुद को बचाने के लिए कुत्ते रात को बस्ती में ही रहते हैं। ऐसे में उनसे बचाव के लिए तेंदुए के मल-मूत्र का इस्तेमाल किया था। उनको गांवों के नज़दीक फैंक दिया गया और हमारी यह रणनीति कारगर साबित रही।