राज्यपाल द्वारा विधायकों को लाभ का पद देने वाले प्रस्ताव को छोड़ शेष सभी प्रस्तावों को स्वीकृति

चंडीगढ़, 26 सितम्बर (हरकवलजीत सिंह): पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर द्वारा गत दिवस विधानसभा सत्र के दौरान पारित किए गए लगभग एक दर्जन प्रस्तावों व संशोधन प्रस्तावों को स्वीकृति देकर राज्य सरकार को वापिस भेज दिया है जबकि विधायकों के लिए लाभ वाले पद न देने की शर्त को समाप्त करने व विधायकों को लाभ वाले पद देने व ऐसे पदों पर उन्हें भत्ते व खर्च आदि देने का प्रबंध करने के लिए पारित किए गए प्रस्ताव को रोक लिया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य पंजाब स्टेट लैजिस्लेटर प्रवैंशन आफ डिस्कुआलीफिकेशन एक्ट 1952 की शर्तों को संशोधित करना है ताकि मुनाफे वाला पद मिलने के कारण विधायकों को आयोग्य न ठहराया जा सके। सूचना के अनुसार राज्यपाल इस प्रस्ताव संबंधी कानूनी राय भी प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जोकि अपनी पार्टी के विधायकों को खुश करने के लिए मुनाफे वाले पदों पर नियुक्त करना चाहते हैं, क्योंकि देश के विधान के अनुसार मंत्रियों की संख्या सदन के सदस्यों की संख्या का केवल 15 फीसदी ही हो सकती है, लेकिन कांग्रेस के अधिकतर विधायक इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि उन्हें कोई सरकारी पद नहीं मिला। वर्णनीय है कि कुछ संस्थानों द्वारा पहले ही ऐलान कर दिया गया है कि वह इस एक्ट को हाईकोर्ट में चुनौती देंगी, क्योंकि यह एक्ट विधान की उस धारा के विरुद्ध है जिसके अनुसार केवल 15 प्रतिशत विधायक ही मुनाफे वाला पद ले सकते हैं। राजभवन के सूत्रों का कहना था कि राज्यपाल इस एक्ट संबंधी सभी कानूनी पक्षों को पूरी तरह जांचने के बाद ही इसे स्वीकृति देने का फैसला ले सकेंगे।