कालका-शिमला हेरिटेज ट्रैक पर दौड़ा भाप इंजन

शिमला, 12 नवम्बर (अ.स.) : वर्ल्ड हेरिटेज ट्रैक कालका-शिमला पर सोमवार को स्टीम इंजन चला। इस दौरान इंग्लैंड से आए विदेशी पर्यटकों के 15 लोगों के दल ने स्टीम इंजन वाली गाड़ी में सफर का लुत्फ  उठाया। ट्रैक पर शिमला से कैथलीघाट स्टेशन तक 113 साल पुराना ऐतिहासिक स्टीम लोकोमोटिव इंजन चलाया गया। सोमवार सुबह  भाप इंजन को शिमला रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाई गई। ट्रेवल पॉल एजेंसी ने अपने ब्रिटिश पर्यटकों के लिए स्टीम इंजन की बुकिंग करवाई थी। शिमला से कैथलीघाट स्टेशन तक 22 किलोमीटर दूरी के बीच जगह-जगह भाप इंजन को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी रही। शाम को भाप इंजन को वापस शिमला लाया गया भाप इंजन के साथ दो बोगियां लगाई गई थी, जिसमें विदेशी पर्यटकों ने हेरिटेज ट्रैक के सफ र का लुफ्त उठाया। पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तर रेलवे ने यह भाप इंजन ट्रैक पर उतारा है और इसे बुकिंग पर ही चलाया जाता है। इंजन में सफर करने के लिए ब्रिटिश पर्यटकों ने डेढ़ लाख किराया रेलवे को दिया है। स्टीम इंजन के साथ 14-14 सीटों वाले दो कोच लगा कर इसे शिमला रेलवे स्टेशन से रवाना किया गया। यह है स्टीम इंजन का इतिहास : कालका-शिमला ट्रैक पर भाप इंजन 1906 में अंग्रेजों ने चलाया था। 1971 तक भाप इंजन ट्रैक पर दौड़ता रहा। 1971 में सर्विस करने के बाद इस इंजन को ट्रैक पर चलाना बंद कर दिया गया। 2001 में भाप इंजन की मरम्मत करवाई गई, यह इंजन शिमला में खड़ा रहता है और इसे पर्यटकों द्वारा बुक किए जाने पर ही चलाया जाता है। 520 केसी नामक यह भाप इंजन नॉर्थ ब्रिटिश लोकोमोटिव कंपनी, इंग्लैंड ने बनाया था।