पावरकाम ने ग्रामीण क्षेत्राें में शुरू करवाए 780 करोड़ के सुधारों के काम

जालन्धर, 18 नवम्बर (शिव शर्मा): सर्दियाें का मौसम शुरू होने के बाद पावरकाम ने ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे कस्बों में केन्द्र सरकार की योजना दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत 780 करोड़ के बिजली सुधारों के काम शुरू करवा दिए हैं। गर्मियाें में बिजली सप्लाई पर कट न लगने के कारण बिजली सुधारों के काम नहीं हो सके थे जिस कारण अब पावरकाम ने ग्रामीण फीडराें की हालत सुधारने के लिए यह काम शुरू किए हैं। पावरकाम के सूत्रों का कहना है कि इनमें कंडी क्षेत्र के फीडरों पर भी काम किया जाएगा। होशियारपुर, नवांशहर, मुकेरियां व रोपड़ व नंगल के कुछ कंडी के कुल 274 फीडर हैं जिन पर इकट्ठी ही ग्रामीण क्षेत्रों व क्षेत्रीय क्षेत्र को बिजली सप्लाई की जाती है। यदि किसी बिजली लाइनों में खराबी पड़ती है तो ग्रामीण क्षेत्रों के घरों की बिजली बंद हो जाती है। पावरकाम का कहना है कि इन फीडरों को अलग करने के लिए 200 करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा है। कंडी क्षेत्र के गांवों में जब फीडर अलग हो जाएंगे या फिर बिजली खराबी की सम्भावना काफी कम हो जाएगी जोकि इस समय फीडर इकट्ठे होने के कारण कृषि क्षेत्र के साथ-साथ कंडी क्षेत्र के गांवों की बिजली भी बंद हो जाती है। पावरकाम के सूत्रों का कहना है कि कंडी क्षेत्र के फीडर अलग करने का जो काम हो रहा है, उससे कृषि क्षेत्र की बिजली सप्लाई भी किसी प्रकार से प्रभावित नहीं हो रही और वह पहले की तरह ही पूरा समय मिलती रहेगी। इसी योजना के तहत 250 करोड़ की लागत से 1900 गांवों में बार-बार हो रही खराबी को दूर करने के लिए 250 करोड़ रुपए की योजना शुरू की गई है। इन 1900 गांवों में बिजली प्रणाली में सुधार किया जाएगा जोकि काफी समय से अधूरा पड़ा है। इसी तरह आई.पी.डी.एस. योजना में 5000 से ज्यादा आबादी वाले 102 कस्बों में 330 करोड़ से बिजली प्रणाली की दुरुस्ती करने के लिए न केवल ट्रांसफर बदले जाएंगे बल्कि उस जगह पर बिजली लाइनें बदलने का काम भी शुरू कर दिया गया है। पावरकाम के सी.एम.डी. इंजीनियर बलदेव सिंह सरां के साथ सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि 780 करोड़ रुपए के काम पूरे होने से बिजली सप्लाई पर बहुत प्रभाव पड़ेगा। कंडी क्षेत्र में फीडरों को अलग करने बारे चल रही चर्चाओं बारे इंजीनियर सरां ने कहा कि कंडी क्षेत्र में ग्रामीण लोगों को बेहतर बिजली सप्लाई देने के लिए ही फीडर अलग किए जा रहे हैं और कृषि क्षेत्र को तो पहले की तरह पूरी बिजली मिलती रहेगी।