फुटबाल में भारत के लिए शानदार रहा 2018, अंडर-20 टीम ने अर्जेंटीना को हराया  

नयी दिल्ली, 23 दिसम्बर (भाषा) : भारतीय फुटबाल के लिए साल 2018 शानदार रहा जिसकी सबसे बड़ी उपलब्धि अंडर 20 टीम की 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए अर्जेंटीना जैसी मजबूत टीम को हराकर हासिल की गई जीत रही। दुनिया को लियोनल मेस्सी और डिएगो माराडोना जैसे दिग्गज फुटबालर देने वाले दो बार के विश्व चैम्पियन अर्जेंटीना के लिए यह साल खराब रहा। विश्व कप के क्वार्टरफाइनल में फ्रांस के हारकर टीम का निराशाजनक सफर खत्म हुआ। फ्रांस फाइनल में क्रोएशिया को हराकर इसका चैम्पियन बना। क्रोएशिया की टीम विश्व कप में अंतिम बाधा को पार करने से चूक गयी लेकिन उन्होंने अपने खेल से दुनियाभर के फुटबाल प्रेमियों का दिल जीता। टीम के कप्तान लुका मोड्रिच को अपने देश और क्लब (रीयाल मैड्रिड) के लिए शानदार प्रदर्शन करने के लिए बेलोन डि‘ओर से नवाजा गया। भारतीय फुटबाल की बात करें तो कोच फ्लायड पिंटो की अंडर 20 भारतीय टीम में ऐसा कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। टीम ने अगस्त में स्पेन के वेलेंसिया में कोटीफ कप के मैच में अर्जेंटीना को 2-1 से हराया। यह जीत और भी बड़ी थी क्योंकि विश्व कप खेल चुके पाब्लो एइमर की देखरेख में खेलने वाली अर्जेंटीना के खिलाफ भारतीय टीम मैच के 40 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रही थी।  अर्जेंटीना के खिलाफ भारत की जीत ने फुटबाल की दुनिया में देश का मान बढ़ाया तो वहीं युवा खिलाड़ियों के लिए दुनिया की बेहतरीन टीमों के साथ लगातार खेलने का मौका उपलब्ध कराया।  मैच के बाद पिंटो ने कहा, ‘अर्जेंटीना (इस खेल में) हमसे मीलों आगे है।’ भारत की अंडर-16 टीम भी सफलता के मामले में अंडर-20 टीम से ज्यादा पीछे नहीं थी जिसने अम्मान में आमंत्रण टूर्नामेंट में एशिया की बड़ी टीम ईरान को हराया। खास बात यह है कि स्पेन में अर्जेंटीना पर मिली जीत के चार घंटों के बाद ही अंडर-16 टीम ने इस सफलता को हासिल किया। टीम हालांकि 2019 में होने वाले अंडर-17 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने के बेहद करीब पहुंचकर चूक गयी। क्वालीफायर्स के क्वार्टर फाइनल में टीम कोरिया से 0-1 से हारकर बाहर हो गयी थी। पिछले साल अंडर 17 विश्व कप की मेजबानी करने वाले भारत की युवा टीमों की सफलता ने यह साबित किया की देश में प्रतिभा की कमी नहीं और इस खेल में हम‘स्लीपिंग जायंट्स’से‘पैशनेट जायंट्स’बनने की तरफ बढ़े हैं।