क्या ऑस्ट्रेलिया में भी जादुई गेंदबाज़ी कर पाएंगे आकाश दीप

हालांकि आकाश दीप ने अभी तक केवल तीन टेस्ट मैच ही खेले हैं, लेकिन अपनी गेंदबाज़ी से उन्होंने विश्वास दिलाया है कि उन पर भरोसा किया जा सकता है। इस समय वह भारतीय टीम में संतुलन लाने का काम भी करते हैं। यह टीम प्रबंधन व चयनकर्ताओं के लिए काफी असमंजस का समय है कि वह स्थापित तेज़ गेंदबाज़ मुहम्मद शमी का स्पर्धात्मक क्रिकेट में वापसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। शमी ने अपने ऑपरेशन के कारण 2023 एकदिवसीय विश्व कप के बाद से क्रिकेट नहीं खेली है। उन्होंने कहा है कि वह पूर्ण फिटनेस हासिल करने के बाद ही मैदान में लौटेंगे। भारत को नवम्बर में ऑस्ट्रेलिया जाना है 5 टेस्ट की महत्वपूर्ण सीरीज खेलने के लिए। उससे पहले अभी तीन टेस्ट और खेले जाने हैं। लेकिन अभी तक टीम का तेज़ गेंदबाज़ी यूनिट तय नहीं हो सका है। शमी की फिटनेस की अनिश्चितता को देखते हुए चयनकर्ताओं को तेज़ गेंदबाज़ों के स्पॉट्स भरने हैं। इसलिए सवाल उठता है कि क्या आकाश दीप मज़बूत विकल्प बनकर ऑस्ट्रेलिया में अंतर ला सकते हैं? 
गौरतलब है कि चार साल पहले ऑस्ट्रेलिया में ही भारत ने अपने सारे संसाधनों को ज़ाहिर करके घोषणा की थी वह तेज़ गेंदबाज़ी की सुपरपॉवर है। इस बार फिर भारत इस क्षेत्र में खुद को पुन: स्थापित करने की दिशा में है। पांच साल पहले भारत के पास ईशांत शर्मा, मुहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह व उमेश यादव के रूप में चार तेज़ गेंदबाज़ थे, जो स्वत: ही दल का हिस्सा बन जाया करते थे, जबकि मुहम्मद सिराज प्रतीक्षा में रहते थे। तब टीम प्रबंधन को तीन गेंदबाज़ों पर फोकस करना पड़ता था, शमी की अनिश्चितता को देखते हुए। भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ी कोच पारस म्हाम्ब्रे का मानना है कि आकाश अच्छा विकल्प हैं। पारस ने आकाश का इंग्लैंड के विरुद्ध प्रभावी डेब्यू देखा है। पारस का कहना है, ‘घरेलू क्रिकेट में आकाश ने बहुत अच्छी व अधिक गेंदबाज़ी की है। वह जानते हैं कि क्या करना है। वह सीम मूवमेंट पर अधिक निर्भर करते हैं। ऑस्ट्रेलिया में आपको इसी किस्म के गेंदबाज़ की ज़रुरत होती है, जो सीम से गेंद को घुमा सके।’
चयनकर्ताओं के सामने ऑस्ट्रेलिया के लिए पांच तेज़ गेंदबाज़ों को चुनने की चुनौती है। वर्कलोड प्रबंधन भी अपने चरम पर होगा। अगर शमी ठीक हो जाते हैं तो भी बुमराह, सिराज व आकाश के अतितिक्त एक और तेज़ गेंदबाज़ का चयन करना होगा। यह अच्छा है कि हमारे तेज़ गेंदबाज़ टेस्ट क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं, लेकिन लम्बी सीरीज के दौरान बुमराह व शमी को आराम देने की ज़रुरत होती है। ऐसे में स्ट्रेटेजिक चयन का महत्व बढ़ जाता है। जानकारी यह है कि टीम प्रबंधन व चयनकर्ता लेफ्ट आर्म तेज़ गेंदबाज़ लेने के इच्छुक हैं। बांग्लादेश के विरुद्ध यश दयाल टीम के साथ थे। खलील अहमद व अर्शदीप दो अन्य दावेदार हैं। इस समय दयाल दौड़ में सबसे आगे दिखायी दे रहे हैं। 
अब चूंकि आर अश्विन टीम में हैं और कुलदीप यादव भी टीम में हो सकते हैं तो ऑफ स्टंप के बाहर रफ उत्पन्न करने के लिए लेफ्ट आर्म तेज़ गेंदबाज़ स्ट्रेटेजिक चयन हो सकता है। पारस का मानना है कि लाल गेंद के साथ परिपक्व होने के लिए अर्शदीप को थोड़ा और समय चाहिए, जबकि दयाल टेस्ट खेलने के लिए तैयार हैं। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में ऐसे गेंदबाज़ चाहिए होंगे जो डेक को हार्ड हिट करें और सीम मूवमेंट हासिल कर सकें। कूकाबुरा गेंद से पहले 30 ओवरों में ही अच्छी गेंदबाज़ी होती है। इसके बाद स्थिति बहुत सपाट हो जाती है। तब प्रसिद्ध कृष्णा जैसा गेंदबाज़ अच्छा काम कर सकता है। आकाश की तरह कृष्णा भी लम्बे कद के गेंदबाज़ हैं और सरफेस से मूवमेंट हासिल कर लेते हैं। टीम ने कृष्णा में काफी निवेश भी किया है। 
यहां याद करने की अहम बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर जिन तेज़ गेंदबाज़ों ने नाटकीय जीत की पटकथा लिखी थी, उन्हें एनसीए में कठिन इंडिया ए प्रोग्राम के तहत राहुल द्रविड़ व पारस ने तपाकर कुंदन बना दिया था। पांच साल पहले उन ताज़ा चेहरों के लिए ओवरसीज स्थितियों में कूकाबुरा गेंद से कोई परेशानी नहीं थी, जबकि ईशांत, शमी व उमेश उपलब्ध नहीं थे। पारस कहते हैं, ‘यह सही है कि हमने एनसीए में जितने संसाधन तैयार किये थे उनका इस्तेमाल कर लिया है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जाने से पहले इन लड़कों को भारत में ही कूकाबुरा गेंद दे देनी चाहिए ताकि वह इससे परिचित हो जायें। कृष्णा को इन गेंदों से गेंदबाज़ी करने का थोड़ा अनुभव है। आकाश को कूकाबुरा गेंद से प्रैक्टिस करनी होगी। तभी यह हो सकेगा कि अगर बुमराह या शमी में से कोई उपलब्ध नहीं है तो इन लड़कों को ज्यादा बताना न पड़े और यह अच्छी गेंदबाज़ी कर सकें, विश्वास के साथ।’
न्यूज़ीलैंड के अगले तीन टेस्ट और अक्तूबर में शमी की घरेलू क्रिकेट में वापसी के बाद ही यह सही से तय हो सकेगा कि ऑस्ट्रेलिया का हमारे कौन-कौन तेज़ गेंदबाज़ दौरा करेंगे और वह किस प्रकार का प्रभाव छोड़ सकेंगे। ऑस्ट्रेलिया में ही मालूम हो सकेगा कि आकाश जैसी जादुई गेंदबाज़ी भारत में फिलहाल कर रहे हैं वैसी वहां भी कर सकेंगे? 
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर