मुस्लिम वोटरों का हृदय परिवर्तन भाजपा के लिए शुभ संकेत
एक मुस्लिम नेता हैं रशीदी, जो अक्सर टीवी चैनलों पर बहस में हिस्सा लेते नज़र आते हैं, वह दिल्ली के विधानसभा चुनाव के बाद यह घोषणा करते नज़र आये थे कि उन्होंने भाजपा को वोट दिया है। इसके पहले वह भाजपा की नीतियों का विरोध करते दिखाई देते थे, लेकिन अचानक उनका हृदय परिवर्तन होना यह दर्शाता है कि कहीं ना कहीं मुस्लिम के एक वर्ग में भाजपा के प्रति नरम रुख अपनाया जा रहा है। यह भाजपा के राजनीति के लिए शुभ संकेत है। अभी तक यह हो रहा था कि मुस्लिमों का एकमुश्त वोट भाजपा के खिलाफ जा रहा था। भाजपा की सरकार जो भी कल्याणकारी योजनाएं देश में लागू करती, उसका सीधा लाभ मुस्लिमों को भी समान रूप से मिलता है, चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना हो या उज्जवला योजना या आयुष्मान योजना हो।
सभी योजनाओं का लाभ देश के प्रत्येक नागरिकों को समान रूप से मिलता है। देश में धर्म के आधार पर कभी भी भेदभाव नहीं किया जाता है। इसके बावजूद देश के मुस्लिम वोटरों का वोट भाजपा के खिलाफ जाता रहा है जबकि केंद्र से लेकर कई राज्यों में भाजपा की सरकार है।
सरकार के खिलाफ वोट देने वालों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले यहे लोकतंत्र में ही सम्भव है और खासकर भारत में। आजतक इस देश में किसी का कोई भी अधिकार नहीं छीना गया है। देश का संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। देश के सभी नागरिकों को यह बात अच्छी तरह समझनी चाहिए कि उनकी भलाई इस देश के उत्थान में ही है।
आज मुस्लिमों के हृदय थोड़ा ही सही लेकिन भाजपा के प्रति उनके रवैये में परिवर्तन ज़रूर हो रहा है। आज उन्हें भी यह प्रतीत हो रहा है कि आजतक शेष दलों ने उनको केवल वोट बैंक के तौर पर उपयोग किया है। यह कटु सत्य है कि इस देश के मुस्लिम वोटरों का उपयोग सिर्फ वोट बैंक के तौर पर ही हुआ है। भाजपा का डर दिखाकर विपक्षी पार्टियों ने मुस्लिमों का केवल वोट प्राप्त किया है, लेकिन उनके हित के लिए कोई काम नहीं किया है। अब समय आ गया है कि मुस्लिम वोटरों को अपने आप को वोट बैंक बनने से रोकना होगा। देश हित में जो राजनीतिक दल काम करे सिर्फ उनको वोट देना होगा। हिन्दूवादी सोच रखने का मतलब यह कतई नहीं है कि आप किसी धर्म के खिलाफ हो गए। सबकी अपनी-अपनी विचारधारा होती है और वह उसी विचारधारा के अनुसार काम करेगा लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि वह दूसरे की विचारधारा को कोई नुकसान पहुंचाए। इस देश में सदियों से सभी धर्मों के लोग एक साथ रह रहे हैं और सभी अपने धर्म के अनुसार विचरण कर रहे हैं। सभी को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है तो डर किस बात का है। अभी तक इस देश के एक समुदाय के लोग गुमराह होते रहे हैं। अब उनको जागृत होना होगा। सभी समुदाय के वोटरों को यह सोचकर वोट देना चाहिए कि कौन-सा दल देश हित में काम करेगा। देश के भलाई में ही उनकी खुद की भलाई है। जो लोग इस दिशा में सोच रहे हैं, यह भारतीय राजनीति के लिए शुभ संकेत है । (अदिति)