बच्चो इस दिवाली आप भी करें जिम्मेदारी का काम 

बच्चो दिवाली के त्यौहार का नाम लेते हैं आपके दिमाग में नए-नए कपड़े मिठाई और पटाखे दोस्तों के साथ मौजमस्ती आपको याद आ जाता हैं। लेकिन दिवाली का त्यौहार सिर्फ नए कपड़े पहनने मिठाई खाने और पटाखे फोड़ने के लिए नहीं आता है। दिवाली से आप चाहे तो बहुत कुछ सीख सकते हैं। कैसे अपने जीवन से गंदगी रुपी बुराई को हटाकर अपने तन-मन और अपने जीवन को साफ सुथरा करके जीवन को सुन्दर बना सकते हैं।
 हिरणकश्यप पुत्र प्रहलाद और होलिका की कहानी तो आप सभी ने कभी ना कभी पढ़ी ही होगी। कैसे छोटा सा प्रहलाद अडिग रहकर अपने मूल्य और नैतिकता की रक्षा करते हैं। अच्छे कामों के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती है। बल्कि इच्छाशक्ति मायने रखता है। बच्चों ऐसे ही जीवन में अच्छे काम करते समय कभी भी परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए।
बच्चों आप भी सोच रहे होंगे कि हम तो बच्चे हैं हम कौन से अच्छे काम करके दिवाली में भागीदारी कर सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि आप दीवाली में कौन-कौन से काम ऐसे करें जिससे कि आपके परिवार वाले आपको और अधिक प्यार और दुलार करें।
 जिद, होड़ दिखावा ना करें : बहुत सारे बच्चे अपने दोस्तों की देखा देखी हजारों के पटाखे खरीदने के लिए अपने माता-पिता से जिद करते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए माता-पिता स्वयं ही उनकी जितनी क्षमता होती है उससे अधिक ही अपने बच्चों पर खर्च करना चाहते हैं। इसीलिए बेफिजूल का दबाव नहीं बनाना चाहिए। और ना ही अपने दोस्तों की देखा-देखी खर्च करने की होड़ और दिखावा या वाहवाही के पीछे ही भागे। त्योहार खुशी देने और खुशी बांटने के लिए आते हैं ना कि दिखावा करने के लिए आते हैं।
* पशु-पक्षी को परेशान ना करें : पटाखों के शोर से पशु पक्षियों को बहुत परेशानी होती है। वह डर जाते हैं सहम जाते हैं। बहुत बार देखा जाता है कि बच्चे अपनी शैतानी में आवारा घूमने वाले पशुओं के आगे पटाखे जलाकर फेंक देते हैं। और जिसके कारण वह पशु बिदक कर और लोगों को घायल कर देते हैं। बच्चों ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। कभी भी जानवरों के सामने जलते पटाखे फोड़ कर उन्हें परेशान नहीं करना चाहिए। उन्हें तकलीफ होती है और वह बिदककर लोगों की जान के लिए खतरा बन सकते हैं।
 घर के बाहर भी सफाई : सिर्फ हमारा घर ही हमारा नहीं होता है। पूरा देश हमारा है हम पूरे देश की तो सफाई नहीं कर सकते। लेकिन अपने गली मोहल्ले को बिल्कुल साफ सुथरा रख सकते हैं। और दिवाली से पहले तुरंत ही बरसात का मौसम बीता होता है। और दिवाली के समय हल्के ठंड का मौसम होता है। जो मच्छरों के लिए बेहद ही अनुकूल मौसम होता है। और इस मौसम में उनकी आमद बहुत बढ़ जाती है। और मच्छर जनित रोग भी बढ़ जाते है। इसीलिए स्वयं भी बीमारियों से बच्चे और लोगों को भी बीमारी से बचाए। गली मोहल्ले की सफाई करके एक जिम्मेदार नागरिक का उदाहरण पेश कर सकते हैं।
 साफ-सफाई में मदद करें : दिवाली के 15 दिन पहले से ही घरों में सफाई शुरू हो जाती है। आप अपने बुक की रैक, अपना कमरा, अपना कबर्ड इत्यादि स्वयं से साफ करके मम्मी पापा के कामों को हल्का करने में मदद कर सकते हैं। और यह छोटे-छोटे काम हर बच्चे को करना चाहिए। बच्चों यदि समय मिले तो घर की सफाई में भी मम्मी पापा की मदद करके आप उनकी आंखों के दुलारे बन सकते हैं। घर के जिम्मेदार प्राणी बन सकते हैं।
 गरीब बच्चों की मदद : दिवाली सबके लिए आती है लेकिन सभी के पास उसे मनाने के लिए पैसे नहीं होते हैं। आप अपने आसपास देखेंगे तो बहुत सारे ऐसे बच्चे मिल जाएंगे जिन्हें दिवाली पर मिठाई खाना नसीब नहीं हो पाता है। बच्चों ऐसे बच्चों की फीकी दिवाली को मीठी दीवाली बनाकर आप अपने दिवाली को खुशियों वाली दिवाली बना सकते हैं। क्योंकि दिए जलाने से भी ज्यादा खुशी किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने से होती है।
उपरोक्त छोटे-छोटे कार्यों से आप अपने बड़ों का और अपने आसपास के लोगों का दिल जीत कर उनकी आंखों के तारे बन सकते हैं। और एक जिम्मेदार नागरिक भी बन सकते हैं।
 

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