कबाड़ में नहीं बेचा जा सकेगा ई-कूड़ा

जालन्धर, 2 जून (शिव शर्मा ) : प्रदूषण के लिए तो अब तक प्लास्टिक के लिफाफे सहित अन्य कूड़े को ही मुख्य कारण समझा जाता रहा है पर मौजूदा समय में कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल और अन्य बिजली का सामान भी बड़े स्तर पर खपत होने के कारण खराब हो चुके सामान की संभाल करनी भी बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। केन्द्र ने इलैक्ट्रोनिक कूड़े के खात्मे के लिए अब अलग ही कानून बना दिया है, जिसको पंजाब में सख्ती के साथ लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। अब तक तो पुराने कम्प्यूटर, मोबाइल व अन्य बिजली के सामान को कबाड़ में बेच दिया जाता था, जिसमें उनको तोड़ कर प्लास्टिक का सामान अलग कर लिया जाता है और इसमें कई धातुएं निकलती हैं। उन धातुओं में कई तो काफी खतरनाक होती हैं। बताया जाता है कि खराब हो चुके कम्प्यूटर, मोबाइल सहित अन्य बिजली सामान जब तोड़ा जाता है तो उसमें कई घातक धातुएं निकलती हैं, उनसे न सिर्फ ज़मीन को बल्कि हवा में इसके जाने से लोग खतरनाक बीमारियों के चपेट में सकते हैं। इस कारण इसको अब प्लांट बना कर वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने इस बारे नए कानून को लागू करने के लिए राज्य के कई ज़िलों में खराब हो चुके कम्प्यूटर, मोबाइल और अन्य बिजली सामान को प्लांट में भेजने के नोटिस जारी कर दिए हैं। राज्य में इस समय ई-कूड़े को समाप्त करने के लिए डेराबस्सी, लुधियाना में लगाया गया था और अब जालन्धर में भी ई-कूड़े को समाप्त करने के लिए प्लांट स्थापित कर दिए गए हैं। उन प्लांटों में अलग-अलग स्थानों पर बकायदा पुराने कम्प्यूटर और अन्य सामान लाकर वहां नष्ट किया जाता है। जानकारी के मुताबिक पंजाब में ही 400 टन के करीब ई-कूड़ा मौजूद है, जिनमें पुराने खराब हो चुके कम्प्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप, एल.ई.डी. व अन्य बिजली का सामान है। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सीनियर एस.ई. इजी. हरबीर सिंह ने बताया कि इस समय ई-कूड़े की संभाल करनी बड़ी चुनौती बनी हुई है। अब तक तो इसकी संभाल के लिए कानून नहीं बनाए गए थे पर केन्द्र सरकार ने इस बारे नये कानून बनाए हैं। उनमें ई-कूड़े को कबाड़ में बेचने पर रोक लगा दी गई है। बोर्ड ने राज्यभर में उन संस्थानों, जिनमें कम्प्यूटर का बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें शिक्षा केन्द्र, सरकारी विभाग, अस्पताल और अन्य संस्थानों में इस बारे नोटिस जारी कर दिए गए हैं कि वह अपने खराब हुए कम्प्यूटरों या अन्य बिजली के सामान को कबाड़ में बेचने के समय उनको राज्य में अलग-अलग स्थानों पर बनाए गए प्लांट में भेजें ताकि वह उनको वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जा सके, जिससे लोग खतरनाक बीमारियों की चपेट में न आएं। उन्होंने बताया कि राज्य में ई-कूड़े को नष्ट करने के लिए तीन अन्य प्लांट राज्य में स्थापित किये जाने की संभावना है। पंजाब सरकार ने भी इस कार्य को गंभीरता से लिया है कि इसलिए राज्य में इस कार्य पर नज़र रखने के लिए नोडल अफसर आर.के. रत्तड़ा को नियुक्त किया गया है। कम्प्यूटर के आधुनिक युग में इसके कूड़े की संभाल करनी भी ज़रूरी है।