रोपड़ थर्मल प्लांट को सुपर क्रिटीकल प्लांट में बदलने का काम लटका

जालन्धर, 19 जुलाई (शिव शर्मा): पावरकाम द्वारा रोपड़ थर्मल प्लांट को सुपर क्रिटीकल प्लांट में बदलने का काम फिलहाल लटक गया लग रहा है क्योंकि कई माह पहले इस प्लांट को सुपर क्रिटीकल थर्मल प्लांट में बदलने के लिए सरकार की मंजूरी लेने के लिए जो फाइल भेजी थी, अभी तक इसका फैसला नहीं हो सका है। यदि रोपड़ थर्मल प्लांट के सभी 6 यूनिट सुपर क्रिटीकल टैक्नालोजी में बदले जाते तो इससे रोपड़ थर्मल प्लांट की आयु कई वर्ष और बढ़ जानी थी बल्कि इसका अधिक लाभ पावरकाम को होना था जिसको अधिक सस्ती बिजली उपलब्ध होनी थी। केन्द्रीय बिजली अथारिटी द्वारा कुछ वर्ष पहले इस तरह का फैसला किया गया था कि 25 वर्ष से अधिक अपनी आयु बिता चुके थर्मल प्लांट के यूनिटों को बंद कर देना चाहिए। रोपड़ के 6 यूनिटों में से दो यूनिट एक वर्ष पहले ही बंद हो गए थे। रोपड़ थर्मल प्लांट से इस समय 1260 मैगावाट बिजली का उत्पादन होता है तथा बिजली की मांग घटने के कारण इस समय शेष चार यूनिट बंद कर दिए गए हैं। पावरकाम ने रोपड़ थर्मल प्लांट को इस लिए भी सुपर क्रिटीकल प्लांट में बदला जाना था। बताया जाता है कि इस प्रोजैक्ट के लटकने का बड़ा कारण यह भी बताया जा रहा है कि इसके लिए बड़ी राशि की ज़रूरत है तथा बिना केन्द्रीय सहायता के रोपड़ थर्मल प्लांट का आधुनिकीकरण करना मुश्किल है। सुपर क्रिटीकल थर्मल प्लांट की लागत 6 करोड़ रुपए प्रति मैगावाट आनी है तथा तीन यूनिटों की लागत 14400 करोड़ आएगी।  सुपर क्रिटीकल थर्मल प्लांट बनाने के लिए रोपड़ प्लांट के पास ज़मीन व रेलवे की सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यदि रोपड़ में सुपर क्रिटीकल थर्मल प्लांट लगता है तो दूसरे थर्मल प्लांट के मुकाबले इसकी बिजली सस्ती मिल सकती है। रोपड़ व लहरा मोहब्बत से इस समय 3.82 व 3.60 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिल रही है। राजपुरा, तलवंडी साबो व गोईंदवाल साहिब के निजी थर्मल प्लांट में बिजली की लागत लगभग 2.29 रुपए यूनिट, 2.77 रुपए प्रति यूनिट व 2.97 रुपए यूनिट होगी।