लाहौर म्यूज़ियम में पहली बार लगाई गई सिख प्रदर्शनी

अमृतसर, 6 सितम्बर (सुरिन्द्र कोछड़) : गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मद्देनज़र लाहौर म्यूज़ियम में पहली बार लगाई गई सिख प्रदर्शनी 30 सितम्बर को समाप्त होगी। लाहौर में बीते दिनों गवर्नर हाऊस में करवाई गई 3 दिवसीय ‘बाबा गुरु नानक और उनके युग’ अंतर्राष्ट्रीय सिख कन्वैंशन दौरान 3 सितम्बर को उक्त प्रदर्शनी का उद्घाटन अजायब-घर के प्रबंधक तारीख महमूद द्वारा किया गया था। इससे पहले पिछले वर्ष जून महीने में ऐसे ही एक प्रदर्शनी पाकिस्तान पुरातत्व और म्यूज़ियम विभाग द्वारा लाहौर शाही किले में स्थापित सिख गैलरी में भी लगाई गई थी। लाहौर म्यूज़ियम में लगाई गई उक्त प्रदर्शनी में लाहौर दरबार के राष्ट्रीय खजाने की कई ऐतिहासिक निशानियां सहित सिख संगत द्वारा लाहौर म्यूज़ियम को भेट की गई पालकी भी शामिल की गई है। जिसमें अजायब-घर के प्रबंधकों द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब को सुशोभित किया गया है। प्रदर्शनी में सिख राज के समय यूरोपीय चित्रकारों द्वारा बनाए बेशकीमती तेल चित्र, जल चित्र, हाथी-दंद चित्र, धातु के बने मॉडल सहित कई अन्य वस्तुएं शामिल की गई हैं। उक्त तेल चित्रों में महाराजा रणजीत सिंह की लाहौर दरबार वाली पेंटिंग, महाराजा शेर सिंह की कौंसल और शेर-ए-पंजाब की अमृतसर श्री दरबार साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में बैठों की पेंटिंग सहित शहज़ादा दलीप सिंह की घोड़े और सवारी करते, उनके पुत्र फरैडरिक दलीप सिंह, गुलाब सिंह डोगरा की पेंटिंग वर्णनीय है।