उत्तरी क्षेत्र परिषद की 29वीं बैठक गृहमंत्री की अध्यक्षता में 

चंडीगढ़, 20 सितम्बर (राम सिंह बराड़ )  : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में जितने भी राज्य हैं उनमें पानी कहीं न कहीं जटिल प्रकार का मुद्दा बन गया है और इसका समाधान हमें राजनीति सेपर उठकर करना पड़ेगा। पंजाब को बड़ा भाई होने के नाते हरियाणा के साथ लम्बित पानी के मुद्दे का समाधान मन से करना होगा। केन्द्र सरकार इस मुद्दे का हल निकालने के लिए पहले से ही गंभीर है। अमित शाह आज यहां हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद् की 29वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों व अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार भारतीय दंड सहिता व आपराधिक दंड प्रकिया संहिता के अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे पुराने कानूनों को संशोधित करने के लिए आमूलचूल परिवर्तन कर रही है। बैठक में हरियाणा ने कहा कि पंजाब उसे रावी-ब्यास नदी से पानी का उसका पूरा हिस्सा नहीं दे रहा है, ऐसे में उसके पास दूसरों को देने के लिए पानी नहीं है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बैठक में अपनी शिकायत दर्ज कराई। यह बैठक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली सहित उत्तरी
क्षेत्र के सभी राज्यों के आपसी मतभेदों/विवादों को सुलझाने और उनपर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी। सतलुज-यमुना लिंक नहर को हरियाणा की जीवन रेखा बताते हुए खट्टर ने कहा कि उनका राज्य पानी की भीषण कमी से जूझ रहा है। राज्य को 3.6 करोड़ एकड़ फुट (एमएएफ) पानी की ज़रूरत है लेकिन उपलब्धता 1.47 करोड़ एमएएफ पानी की है। एनजेडसी के उपाध्यक्ष और बैठक के मेजबान खट्टर ने कहा कि हरियाणा उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए यमुना के पानी के अपने हिस्से से दिल्ली को अतिरिक्त पानी दे रहा है, लेकिन पंजाब उसे रावी-ब्यास नदी के पानी का पूरा हिस्सा नहीं दे रहा। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने भूजल के घटते स्तर की पृष्ठभूमि में राज्यों के समक्ष उत्पन्न जल संकट पर चिंता जताई। उन्होंने जल संरक्षण के लिए सभी से आपसी सहयोग करने को कहा। बैठक के बाद सिंह ने ट्वीट किया कि सभी राज्यों में बढ़ते जल संकट, विशेष रूप से गिरते भूजल स्तर के संबंध में अपनी गंभीर चिंता से एनजेडसी को अवगत कराया। पंजाब के पास दूसरों को देने लायक अतिरिक्त पानी नहीं है, ऐसे में हमें अपने सबसे मूल्यवान संसाधन के संरक्षण
के लिए मिलजुल कर काम करना चाहिए। उन्होंने पंजाब और उत्तर क्षेत्र के अन्य राज्यों में नशे/मादक पदार्थों की लत का भी मुद्दा उठाया और इससे निपटने के लिए विस्तृत राष्ट्रीय मादक पदार्थ नीति बनाने की मांग की। बैठक में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यापाल मलिक, पंजाब के राज्यपाल और केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी हिस्सा लिया।