अक्तूबर से बाज़ार से गायब हो जाएंगे पतले प्लास्टिक के लिफाफे

जालन्धर, 22 सितम्बर (शिव शर्मा): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक बार उपयोग में आए प्लास्टिक को पूरी तरह खत्म करने के आह्वान के बाद अब आगामी समय में पतला लिफाफा बाज़ार से पूरी तरह गायब होने जा रहा है क्योंकि केन्द्र सरकार ने पतले लिफाफे को सबसे ज्यादा खतरनाक मानते हुए इसे ही निशाने पर लिया है। प्लास्टिक के लिफाफाें के कारोबार में देशभर में 10 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने केन्द्र सरकार को 64 के करीब प्लास्टिक, थर्मोकोल की वस्तुओं की सूची सौंपी है जिन पर पाबंदी लगाई जाएगी, उसमें सबसे ज्यादा खतरनाक तो 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक के लिफाफे शामिल हैं। केन्द्र सरकार द्वारा अक्तूबर के पहले सप्ताह में ही प्लास्टिक व थर्मोकोल वाली वस्तुओं पर पाबंदी लगाए जाने की घोषणा किए जाने की सम्भावना है। सूत्रों की मानें तो केन्द्र सरकार द्वारा 25 सितम्बर को इस बारे सूची जारी किए जाने की सम्भावना है जिन वस्तुओं पर पाबंदी लगाई जानी है। इनमें कई वस्तुओं बारे तो पहले ही चर्चा होती रही है जिनमें प्लास्टिक के चम्मच, थर्मोकोल की प्लेटें, गिलास व अन्य सामान शामिल है परंतु केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पतले प्लास्टिक के लिफाफों को सबसे ज्यादा खतरनाक मानता है। पंजाब में जनवरी 2016 में सभी प्रकार के लिफाफों पर पाबंदी लगाई गई थी परंतु बाकी कई राज्यों में 50 माइक्रोन से ज्यादा मोटाई वाले प्लास्टिक के लिफाफों पर कोई पाबंदी नहीं है। केन्द्र सरकार द्वारा प्लास्टिक के ऊपर पूरी तरह पाबंदी लगने की सम्भावना अभी नज़र नहीं आ रही क्याेंकि करोड़ों लोग इस कारोबार के साथ जुड़े हुए हैं और अभी तक इसका विकल्प नहीं मिल सक। केन्द्र द्वारा गत दिनों प्लास्टिक के ऊपर 18 फीसदी जीएसटी घटाकर 12 फीसदी करने से एक संकेत यह भी गया है कि प्लास्टिक को पूरी तरह खत्म करना सम्भव नहीं है। नहीं तो जीएसटी दर घटाई नहीं जाती। प्लास्टिक सामान कारोबारी रजत दुग्गल का कहना है कि पतले लिफाफे तो बंद होने चाहिएं बल्कि बच्चों का सामान छोटी कई परतों वाली प्लास्टिक में आता है, वह खतरनाक है बल्कि उसे 12 वर्ष पहले बरती जाती फोम के विकल्प वाली वस्तु के लिफाफों की पैकिंग में करवानी चाहिए क्योंकि फोम के इस विकल्प वस्तु को दोबारा रीसाइकल करना आसान है।