दाखा सीट जीतकर अकाली बागो-बाग

चंडीगढ़, 26 अक्तूबर (विक्रमजीत सिंह मान): प्रदेश में 4 सीटों पर हुए उप चुनावों में चाहे सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने 3 सीटें जीत ली हैं परंतु दाखा सीट जीतकर शिरोमणि अकाली दल ने मौजूदा सरकार के घुटने टिकवा दिए हैं।  मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के अत्यंत करीबी व राजनीतिक सलाहकार संदीप संधू का इस सीट से हार जाना जहां मौजूदा सरकार के लिए नामोशी का कारण बन रहा है वहीं कांग्रेस को दाखा सीट पर कैप्टन संधू की हार हज़म नहीं हो रही, जहां दाखा सीट जीतने के बाद अकाली दल के नेता बागो बाग नज़र आ रहे हैं वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस पार्टी अपने उम्मीदवार की हार के कारणों का पता लगाने बारे मंथन में जुट गई है। बताया जा रहा है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा भी दाखा हार के कारणाें बारे रिपोर्ट मांग ली गई है। बताया जा रहा है कि दाखा क्षेत्र में गए कांग्रेसी नेताओं, विधायकों व अन्य पदाधिकारियों की भूमिका बारे भी पार्टी द्वारा रिपोर्ट तैयार की जाएगी और यदि किसी कांग्रेसी विधायक या नेता की भूमिका संदिग्ध पाई गई तो उस पर गाज गिर सकती है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में यह दूसरी बार हुआ है कि जब कांग्रेस पार्टी एक उप चुनाव हारी है। इससे पूर्व कांग्रेस पार्टी गिद्दड़बाहा से उपचुनाव हारी थी, जब स्व. बेअंत सिंह मुख्यमंत्री थे। बातचीत करते हुए अकाली दल के पूर्व मंत्री व वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि दाखा सीट पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पूरी ताकत झोंकी हुई थी। उन्होंने कहा कि दाखा उप चुनाव में सत्ताधारी पार्टी की हुई हार के दो वर्ष बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की होने वाली करारी हार की ओर इशारा करती है। उन्होंने कहा कि वह कैप्टन सरकार को सलाह देना चाहते हैं कि यदि सरकार ने अभी भी पंजाब के मतदाताओं के साथ किए वादों की ओर कोई ध्यान न दिया तो कांग्रेस कई वर्षों तक गुमनामी में जाने के लिए तैयार हो जाए। दूसरी ओर इस बारे पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि एक सीट जीतकर अकाली दल द्वारा ऐसी बातें करना शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने उपचुनावों में 4 में से 3 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार को विजयी बनाकर साबित कर दिया है कि लोग कांग्रेस सरकार के अब तक के कार्यकाल से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोगों के साथ किए सभी वादे पूरे करेगी। दूसरी ओर इन उपचुनावों के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पूरी तरह चुप्पी धारण की हुई है किसी भी नेता द्वारा ‘आप’ पार्टी के उम्मीदवारों की करारी हार बारे कोई टिप्पणी न करना भी चर्चा का विषय बना हुआ है।