किचन गार्डन में बोएं तरह-तरह की सब्जियां

किचन गार्डन में मौसम के अनुकूल पूरे साल सब्ज़ियां बीज सकते हैं। घर में यदि जगह कम है तो इन सारी सब्ज़ियों को आप बड़े गमले या कंटेनर में भी बो सकते हैं। इनकी पौध तैयार करके इन्हें बड़े गमलों में ट्रांसफ र करके आप घर की उगी सब्जियाें का मजा ले सकते हैं। ऐसी कौन सी सब्जिज़यां हैं जिन्हें हाल फिलहाल बोकर हम ताजी सब्जियां प्राप्त कर सकते हैं।
बैंगन की किस्म के अनुसार इसकी फसल तैयार होती है। आमतौर पर 120 से 130 दिन के बाद पौधों पर बैंगन आ जाते हैं। साइज बढ़ने पर इन्हें तुरंत तोड़ लेना चाहिए। तैयार बैंगन को नीचे की तरफ  दबाने पर यदि यह हिस्सा दब जाए तो मतलब बैंगन कच्चा है। यदि दबाने पर यह दोबारा अपनी शेप में आ जाये तो समझें यह इम्मैच्योर है। बैंगन की सारी किस्में एक ही समय पर परिपक्व नहीं होतीं। 
मिर्च :  मिर्च जब उगायें तो ट्रांसप्लांट के एक से दो महीनों के बाद इसमें फूल आ जाते हैं और उससे अगले महीने मिर्च लग जाती है। मिर्चों को आमतौर पर हरा होने पर तोड़ लिया जाता है। अगर इन्हें सुखाकर पकाना हो तो लाल होने के बाद तोड़ना चाहिए। तीन महीने तक लगातार मिर्च के पौधे पर मिर्च आती है। हालांकि यह मिर्च की किस्म और सीजन पर निर्भर होता है।  
बंदगोभी : बंदगोभी को सितंबर से अक्तूबर में बोया जाता है। इसे अक्तूबर नवंबर में ट्रांसप्लांट किया जाता है, इसकी फसल दिसंबर से मार्च में प्राप्त की जा सकती है। बंदगोभी  की पौध लगाने के बाद 90 से 120 दिन में इसकी फसल तैयार हो जाती है।   
ब्रोकली : दिसम्बर से जनवरी इसकी फसल प्राप्त की जा सकती है। इसके फूल का जब ऊपरी हिस्सा पूर्ण विकसित हो जाए लेकिन फूल चमकीले पीले रंग में बदलना शुरू हो जाएं तो 6 से 7 इंच नीचे से इसे काट देना चाहिए। इसके पीछे का सिरा काटने के बाद दोबारा विकसित होता है।
मूली : मूली की पौध अप्रैल से अगस्त, सितम्बर, अक्तूबर, नवम्बर, जनवरी में तैयार की जाती है। इसकी फसल मई से सितम्बर, नवम्बर से जनवरी, दिसम्बर से मार्च में प्राप्त की जा सकती है। इसके खाने वाले जड़ का हिस्सा 25 से 60 दिन के भीतर तैयार हो जाता है। 
गाजर :  इसकी फसल दिसम्बर से मार्च के बीच पककर तैयार हो जाती है। बोने के 100 से 120 दिन के भीतर गाजर खाने लायक हो जाती है। इन्हें जब उखाड़ा जाए तो जड़ें मुलायम होनी चाहिए। उखाड़ने से एक दिन पहले मिट्टी को अच्छी तरह सींच देना चाहिए। हर पौधे से उखाड़कर फसल प्राप्त की जाती है। इन्हें अगर प्रोसेस्ड करना हो तो लंबे समय तक जमीन में छोड़ दिया जाता है। इसके ऊपरी हिस्से को काटकर नई जगह रोपा जाता है। 

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 
-अनु आर.