" शिक्षा विभाग में रैशनेलाइजेशन का मामला " समय अवधि पूरी, अब सरकार के अगले कदम पर अध्यापकों की नजरें

फिरोज़पुर, 9 दिसम्बर (कुलबीर सिंह सोढी) : गत समय से शिक्षा विभाग में रैशनेलाईजेशन को लेकर भारी कश्मकश चल रही है, जिसके संबंध में शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव के साथ अध्यापक यूनियन व संगठनों की बैठकें भी हो चुकी है, लेकिन दोनों की तरफ से किसी प्रकार की नई प्रणाली को बनाने या पुरानी में फेरबदल करने संबंधी कोई नोटिस व पत्र जारी नहीं किया गया, सिर्फ एक बात सामने आई थी कि, रैशनेलाईजेशन 8 दिसम्बर तक स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के हिसाब से होगी, लेकिन रैशनेलाईजेशन नीति के नोटिफिकेशन में विद्यार्थी/अध्यापक अनुपात और पोस्ट कैसे गिनी जाएगी, जिसकी महत्वपूर्ण जानकारी नोटिफिकेशन से गायब है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग पंजाब द्वारा जो प्राथमिक अध्यापकों की रैशनेलाईजेशन की जा रही है, उसमें काफी कमियों कि भरमार है। इसके चलते शिक्षा विभाग ने कूटनीति करते रैशनेलाईजेशन प्रणाली तैयार करते समय क्रॉनिक बीमारियों से पीड़ित व अपाहिज अध्यापकों को नहीं बख्शा गया था, इसी तरह सीएचटी की पोस्टों को रैशनलाईजेशन दौरान टीचिंग पोस्ट में शामिल कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कूटनीति दिखाई, जबकि ट्रांसफार पाल्सी में इसको प्रशासनिक पोस्ट दिखाया गया था। इस तरह विभाग के उच्च अधिकारी शिक्षा मंत्री के सामने यह तस्वीर पेश करना चाहते है, कि स्कूलों में बच्चों की संख्या मुताबिक अध्यापकों की संख्या अधिक है, जबकि स्कूल के सी.एच.टी से सिर्फ प्रबंधकीय काम लिया जा सकता है, लेकिन अधिकारी अपनी धौंस जमा स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर करते नजर आते हैं। अब राज्य के समूह प्राईमरी अध्यापकों के मन में असंमजस में हैं कि राज्य सरकार किस प्रकार रैशनेलाईजेशन पाल्सी लागू करती है।  
क्या है सरपल्स प्रणाली
सरपल्स प्रणाली का मतलब है, बच्चों की संख्या के अनुपात में अध्यापकों की संख्या का अधिक होना। राज्य में ऐसे कई स्कूल हैं, जहां यह नीति अपनाई जा सकती है, लेकिन इससे कई वो अध्यापक प्रभावित भी रहे हैं, जिनके स्कूल में दिव्यांग, म्यूजिक अध्यापक काम कर रहे हैं। इन अध्यापकों को प्राईमरी अध्यापक की संख्या में गिन कर दूसरे अध्यापकों को किसी अन्य स्थान पर बदला जा रहा है, जबकि यह प्राईमरी अध्यापक की कैटेगिरी में नहीं आते। 
क्या कहते है स्टेट कोआर्डिनेटर
 रैशनलाईजेशन के संबंधी जब स्टेट के कोआर्डिनेटर मनोज कुमार से फोन पर संपर्क किया गया तो। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि सीएचटी का मामला विचार अधीन है और अपाहज कैटागरी के अध्यापको संबंधी जानकारी विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जबकि डेपूटेशन संबंधी समूह जिलों के ब्लाक अधिकारियों से सूचना भेजने संबंधी कहा गया है।