जेएनयू हिंसा- अब अहमदाबाद में बवाल

अहमदाबाद, 7 जनवरी (वार्ता) : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)में हुई हिंसा के विरोध में यहां प्रदर्शन कर रही कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई तथा भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं के बीच आज सुबह झड़प हो गई जिसमें एनएसयूआई के महासचिव तथा कांग्रेस में शामिल पाटीदार आरक्षण आंदोलन के पूर्व नेता हार्दिक पटेल के करीबी निखिल सवाणी का सिर फूट गया और आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। एनएसयूआई के कार्यकर्ता जब पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार शहर के पालडी स्थित परिषद् के कार्यालय की घेरेबंदी कर विरोध के लिए जा रहे थे तभी दोनो पक्षों में संघर्ष हो गया। मौके पर पहले से ही पुलिस तैनात थी। इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई। छात्रों ने लाठी डंडे से भी एक दूसरे पर प्रहार किया।
हिंदू रक्षा दल ने ली जेएनयू हमले की ज़िम्मेदारी
नई दिल्ली, 7 जनवरी (एजैंसी) : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार को हुई हिंसा की ज़िम्मेदारी हिंदू रक्षा दल द्वारा लिए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा है कि वह इस दावे की जांच कर रही है। दल के स्वघोषित प्रमुख भूपेंद्र तोमर उर्फ पिंकी चौधरी ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि संगठन के कार्यकर्ताओं ने जेएनयू कैंपस में ‘राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी गतिविधियों’ को रोकने के लिए यह कार्रवाई की। तोमर ने वीडियो में कहा कि जेएनयू कम्युनिस्टों का गढ़ है और हम इस प्रकार के गढ़ को सहन नहीं करेंगे। वह हमारे धर्म और देश को गाली देते हैं। हमारे धर्म के प्रति उनका दृष्टिकोण देश विरोधी है। यदि भविष्य में भी कोई विश्वविद्यालय इस प्रकार की देशविरोधी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है तो हम वहां भी ऐसी ही कार्रवाई करेंगे। वीडियो के वायरल होने और हिंदू रक्षा दल के ट्विटर पर ट्रेंड करने के बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लिया। जेएनयू में हिंसा फैलाने वाले नकाबपोश लोगों के बारे में पुलिस ने कहा कि वे वीडियो फूटेज के साथ-साथ अपराधियों की पहचान करने के लिए चेहरा पहचान प्रणाली की मदद ले रहे हैं।
आइशी घोष व अन्यों के विरुद्ध मामला दर्ज
नई दिल्ली, 7 जनवरी (जगतार सिंह): जेएनयू हिंसा के दौरान सिर पर चोट लगने से घायल हुई स्टूडैंट्स यूनियन की प्रधान आइशी घोष सहित 19 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिन घटनाओं के तहत यह एफआईटार दर्ज की गई है वो दोनों घटनाएं जेएनयू हिंसा मामले से 2 दिन पहले की हैं परंतु हैरानी की बात है कि दोनों एफआईआर हिंसा मामले के बाद 5 मिनट के अंदर दर्ज की गईं। 5 जनवरी को पहली एफआईआर रात्रि 8.44 बजे व दूसरी रात्रि 8.49 बजे दर्ज की गई। जेएनयू प्रशासन द्वारा की गई शिकायत के आधार पर जेएनयू के सरवर रूम में तोड़फोड़ व सुरक्षा कर्मियों से मारपीट करने के आरोपों के तहत उक्त एफआईआर दर्ज की गई है। जेएनयू प्रशासन ने 3 व 4 जनवरी को वसंत कुंज पुलिस स्टेशन को 2 शिकायतें की थीं, इस शिकायत में जबरन सरवर रूम में घुसने और सुरक्षा कर्मियों को ड्यूटी से रोकने व दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। इसी शिकायत के आधार पर आइशी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
प्रोफैसर सुचरिता सेन ने शिकायत दर्ज कराई
नई दिल्ली, 7 जनवरी (भाषा) : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के परिसर में रविवार को छात्रों और शिक्षकों पर हमले के दौरान सिर में चोट लगने से घायल हुईं जेएनयू की प्रोफैसर सुचरिता सेन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। सेन ने कहा कि बाहरी लोग लाठी, छड़ और घातक हथियारों के साथ विश्वविद्यालय परिसर में घुसे थे। उन्होंने कहा कि पहले उनके कंधे पर एक बड़े पत्थर से मारा गया और फिर उनके सिर पर वार हुआ, जिसके बाद काफी खून बहने लगा और वह ज़मीन पर गिर गईं। वहीं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सर्वर रूम में तोड़फोड़ की घटना के संबंध में दिल्ली पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने मंगलवार को यह बताया। उन्होंने बताया कि ये प्राथमिकी जेएनयू प्रशासन की शिकायत पर पांच जनवरी को दर्ज की गई। जेएनयू प्रशासन ने तोड़फोड़ के सिलसिले में छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत अन्य पदाधिकारियों के नाम दिए थे लेकिन पुलिस ने घोष या अन्य छात्रों के नाम प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज नहीं किए हैं। पुलिस ने बताया कि सर्वर बंद करने की शिकायत 3 जनवरी को और सर्वर रूप में तोड़फोड़ की शिकायत 4 जनवरी को दर्ज करवाई गई थी। जेएनयूएसयू के उपाध्यक्ष साकेत मून ने आरोप लगाया कि प्रशासन कुछ छात्रों को चुन-चुनकर निशाना बना रहा है। मून ने सर्वर रूम में तोड़फोड़ की घटना में संलिप्तता से इंकार किया।
सबूत जुटाने के लिए फॉरेंसिक टीमें जेएनयू पहुंचीं
नई दिल्ली, 7 जनवरी (भाषा) : जेएनयू परिसर में हुए हमले के सिलसिले में सबूत जुटाने के लिए फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की कई टीमें मंगलवार को वहां पहुंची। सूत्रों ने यह जानकारी दी। गौरतलब है कि रविवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में हुए हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित 34 लोग घायल हो गये थे। सूत्रों ने बताया कि एफएसएल की भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान विभागों की टीमें विश्वविद्यालय में हैं। भौतिकी टीम विश्वविद्यालय परिसर में नकाबपोश लोगों द्वारा छात्रों और अध्यापकों पर हमले में इस्तेमाल किए गए सरिया (रॉड) और पत्थरों जैसे सबूतों को एकत्र करेगी, जबकि रसायन टीम वहां मौजूद रसायनों के नमूने जुटाएगी। जीव विज्ञान टीम अन्य साक्ष्यों सहित डीएनए नमूने एकत्र करेगी। एफएसएल से फोटो विशेषज्ञों की एक टीम भी परिसर में मौजूद है।