पाक आतंकी संगठनों के लिए अब पनाहगाह नहीं रहा : इमरान

इस्लामाबाद, 17 फरवरी (भाषा): प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि उनका देश पाकिस्तान ‘अब’ आतंकवादी संगठनों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। हालांकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से माना कि शायद पहले ऐसा नहीं था। देश में अफगान शरणार्थियों की मेज़बानी के 40 साल पूरे होने पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांति चाहता है और युद्ध प्रभावित इस देश में स्थायित्व उसके हित में है। खान का बयान ऐसे समय में आया है जब दुनियाभर में धनशोधन के विरूद्ध कार्रवाई पर नज़र रखने वाले वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की पैरिस में एक अहम बैठक शुरू हुई है जहां पाकिस्तान आतंक के वित्तपोषण के विरुद्ध पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर कालीसूची में डाले जाने से बचने की कोशिश में जुटा है।   सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस भी हिस्सा ले रहे हैं। खान ने कहा कि अतीत में संभवत: जो भी स्थिति रही हो, लेकिन, फिलहाल मैं आपको बता सकता हूं..... एक ऐसी चीज है जो हम चाहते हैं: वह है अफगानिस्तान में शांति। खान ने कहा कि सरकार कैसे यह पता कर पाएगी कि आतंकवादी कैसे इन शिविरों से अपनी गतिविधियों का संचालन करते हैं।  भारत के कारण पाक में पैदा हो सकता है नया शरणार्थी संकट : पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को चेताया कि अगर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत की मौजूदा स्थिति का संज्ञान लेने में नाकाम रहता है तो पाकिस्तान एक और शरणार्थी संकट का सामना कर सकता है। खान ने कहा कि भारत की अति राष्ट्रवाद की विचारधारा बिना किसी रुकावट के चलती रही तो इससे तबाही फैल सकती है और यह क्षेत्र इसका केंद्र होगा। खान ने कहा कि हिन्दुत्व की विचारधारा की वजह से कश्मीरियों को 200 से ज्यादा दिनों से बंद किया हुआ है। इसी विचारधारा के तहत भारत के 20 करोड़ मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए भाजपा नीत सरकार ने दो भेदभावपूर्ण राष्ट्रवादी कानून पारित किए हैं। खान भारत के संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने का हवाला दे रहे थे। अगर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति का संज्ञान नहीं लेता है तो यह पाकिस्तान के लिए एक और शरणार्थी संकट पैदा कर देगा, क्योंकि भारत के मुसलमान पाकिस्तान का रुख करेंगे।