भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर प्रतिबंध आंशिक रूप से हटाया

नई दिल्ली, 7 अप्रैल (भाषा/ उपमा डागा पारथ) : भारत ने मलेरिया के उपचार की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को आंशिक रूप से हटाने का फैसला किया है जिससे कोरोना वायरस महामारी से काफी प्रभावित अमरीका एवं कई अन्य देशों को इस दवा की आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त हो गया है। सरकार के अधिकारियों ने बताया कि भारत अपनी घरेलू ज़रूरतों को पूरा करने के बाद हर मामलों पर विचार करने के बाद उन देशों को पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात करेगा जिन्होंने पहले ही आर्डर दिया था। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर प्रतिंबध को आंशिक रूप से हटाने का निर्णय तब आया है जब सोमवार को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आगाह किया है कि उनके व्यक्तिगत अनुरोध के बावजूद अगर भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात नहीं करता है तो अमेरिका जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इस दवा को कारोना वायरस संक्रमण के उपचार के तौर पर बता रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता  अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक महामारी के मानवीय पहलुओं के मद्देनज़र, यह तय किया गया है कि भारत अपने उन सभी पड़ोसी देशों को पैरासिटामोल और एचसीक्यू (हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन) को उचित मात्रा में उपलब्ध कराएगा, जिनकी निर्भरता भारत पर है। भारत इन आवश्यक दवाओं की आापूर्ति उन देशों को भी करेंगे जो इस महामारी से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। गौरतलब है कि भारत ने 25 मार्च को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात रोक लगा दी थी। अमरीका में कोविड-19 प्रभावित लोगों का उपचार किया जा सके। समझा जाता है कि मोदी और ट्रंप की टेलीफोन पर बातचीत के बाद भारत और अमरीका के उच्च अधिकारी एचसीक्यू की अमरीका को आपूर्ति को लेकर सम्पर्क में थे और इसी प्रक्रिया के परिणामस्वरूप निर्यात प्रतिबंधों में ढील देने का निर्णय हुआ। ट्रंप के जवाबी कार्रवाई करने की टिप्पणी के बारे में समझा जाता है कि सरकार का मानना है कि यह प्रतिक्रिया पहले से तय नहीं थी बल्कि यह तात्कालिक प्रतिक्रिया थी।