मुम्बई में फंसे 150 पंजाबी युवकों की प्रशासन नहीं कर रहा सुनवाई

जालन्धर, 28 अप्रैल (एम.एस. लोहिया): पंजाब के विभिन्न ज़िलों से मुम्बई में मज़दूरी करने गए 150 के करीब नौजवानों द्वारा अपने-अपने ज़िलों के प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचे किए जाने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। फोन के ज़रिये सम्पर्क करने पर इन नौजवानों ने बताया कि वह रोज़गार की तलाश में देश की एक बड़ी निर्माण कम्पनी के साथ जुड़कर मुम्बई पहुंच गए, जहां उन्हें कम्पनी में मजदूरी करने के लिए रख लिया गया। कुछ समय बाद ही अचानक घोषित किए गए लॉकडाऊन के कारण कम्पनी ने अपने निर्माण के प्रोजैक्ट को रोक दिया और उन सभी को दूसरे राज्यों के व्यक्तियों के साथ एक शैड के नीचे रहने की सुविधा दे दी। नौजवानों ने बताया कि अब एक महीने से अधिक समय हो गया है। वह एक शैड के नीचे बहुत तंग जगह में 100 से अधिक व्यक्ति रह रहे हैं। 
कम्पनी द्वारा उन्हें केवल खाना दिया जा रहा है, बाकी अपनी ज़रूरतें वह आपस में सहयोग कर पूरी कर रहे हैं। मुम्बई प्रशासन द्वारा उनके साथ एक बार भी सम्पर्क नहीं किया गया और न ही उन्हें कोई डाक्टरी सुविधा दी जा रही है। मुम्बई में गर्मी बढ़ने के कारण टीन की छत के नीचे उनका गुजारा होना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने बताया कि लगभग 150 नौजवान मुम्बई के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे हुए हैं, जो दिमागी परेशानी का शिकार हो रहे हैं। 
उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से अपील की है कि जल्द ही उन्हें पंजाब वापिस लाने के लिए कार्रवाई की जाए।