कोरोना संकट में भी रद्द हो गए कई चलती फैक्टरियों के प्लाट

जालन्धर, 7 मई (शिव शर्मा): 45 दिन की तालाबंदी ने हर तरह की गतिविधियां ठप्प कर दी हैं तथा औद्योगिक क्षेत्र के अतिरिक्त हर वर्ग को अरबों रुपए के नुक्सान का सामना करना पड़ा है परन्तु दूसरी तरफ औद्योगिक विभाग के पी.एस.आई.ई.सी. (पंजाब स्माल इंडस्ट्री एक्सपोर्ट कार्पोरेशन) द्वारा कई फैक्टरियों के प्लाट रद्द कर उद्योगपतियों को झटका दे दिया है तथा इसमें हैरान करने वाली बात यह भी है कि उन फैक्टरियों के प्लाट रद्द करने के नोटिस दिए गए हैं जो फैक्टरियों में बाकायदा काम चल रहा है। फोकल प्वाईंटों में पी.एस.आई.ई.सी. द्वारा की गई कार्रवाई से औद्योगिक संगठनों में हैरानगी व्यक्त की जा रही है। कई फैक्टरियों को यदि कोई दूसरा चलती फैक्टरियों को खरीद लेता है तो उनको भी पी.एस.आई.ई.सी. द्वारा सबूत जमा करवाने होते हैं जबकि फैक्टरियां चलती होती हैं। कुछ समय पहले विभाग ने इस तरह की कई फैक्टरी मालिकों को नोटिस जारी किए थे कि वह सबूत दें कि उनकी फैक्टरियां काम कर रही हैं। बताया जाता है कि इस बारे पहले तो कई फैक्टरी मालिकों को नोटिस नहीं मिले क्योंकि कईयों के पते 20 वर्ष पुराने थे। एक मामला तो इस तरह का सामने आया था कि एक फैक्टरी मालिक से फैक्टरी चलने का सबूत जमा करवाने के लिए उनके घरों में नोटिस या अन्य चिट्ठियां भेजी जाती रही थीं परन्तु वह चिट्ठियां नहीं मिलीं तथा बाद में विभाग ने प्लाट रद्द करने नोटिस फैक्टरी के पते पर भेज दिया था जबकि फैक्टरी मालिक का कहना था कि उनको तो पहली चिट्ठियां नहीं मिलीं तो वह जवाब देते। कुछ फैक्टरी मालिकों को प्लाट रद्द करने के नोटिस दिए गए हैं जबकि कईयों को सबूत देरी से जमा करवाने या अन्य कारण के कारण भारी राशि जुर्माने के रूप में डाली गई हैं।