टिड्डी दल के हमले को लेकर पंजाब में अलर्ट

लुधियाना, 27 मई ( पुनीत बावा ): पंजाब में टिड्डी दल के हमले के खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है और किसानों को कहा गया है कि वह टिड्डी दल संबंधी हर तरह की हरकत पर नज़र रखें। पंजाब के कृषि विभाग के निर्देशक स्वतंत्र कुमार ने बताया कि टिड्डी दल के खतरों को देखते हुए पूरे पंजाब में अलर्ट जारी कर दिया गया है और सभी ज़िलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। फसलों को तबाह करने वाले टिड्डी दल का जन्म अफ्रीका के उत्तर पूर्व क्षेत्र में हुआ, जहां यह ईरान से होता पाकिस्तान पहुंचा व टिड्डी दल ने पाकिस्तान से भारत में दस्तक दे दी है। जानकारी के अनुसार टिड्डी दल भारत के गुजरात व राजस्थान के अलावा पंजाब के पाकिस्तान के साथ लगती सीमावर्ती क्षेत्र के ज़िला फाज़िल्का के गांवों में पहुंच गया है। 26 मई को टिड्डी दल का बड़ा झुंड महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश व दिल्ली के कुछ इलाकों में देखने को मिला। टिड्डी दल का एक झुंड 13 मई को पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों में उड़ता देखा गया जो सायं समय दीवान खेड़ा, पंजावा, कोइल खेड़ा में पेड़ों पर बैठ गया, जिसको स्प्रे करके काबू किया गया। पी.ए.यू. के कीट विज्ञान विभाग के प्रमुख डा. प्रदीप छुनेजा ने बताया कि टिड्डी दल का हमला मौनसून के बाद जुलाई में होता है, परंतु इसने अभी मई महीने में ही दस्तक दे दी है। पाकिस्तान से हवा चलने से यह दल राजस्थान से गुजरात में पहुंचा, जहां से पंजाब में पाकिस्तान के साथ लगते इलाकों में दस्तक दी है। डा. छुनेजा ने कहा कि टिड्डी दल 150 से 200 किलोमीटर की दूरी तय करके सायं समय खेतों में या आस-पास वाले पेड़ों में बैठ जाता है। टिड्डी दल के हमले के बचाव के लिए केन्द्र व राज्य सरकार के अलावा कृषि विभाग व पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा एक्शन प्लान तैयार किया गया है। टिड्डी दल को यदि फसल को खाने से पहले न रोका जाए, तो यह हर जिनस की जड़ तक हमला करके उसको तबाह कर देता है। कीट विज्ञान विशेषज्ञों अनुसार टिड्डी दल सायं समय पेड़ों पर बैठ जाता है, इसलिए रात को या सुबह सूरज उदय होने से पहले स्प्रे से इस पर हमला करके टिड्डी दल को समाप्त किया जा सकता है। पंजाब कृषि विभाग द्वारा टिड्डी दल से लड़ने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिसके तहत हर ज़िले में अलग-अलग विभागों के डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता में एक्शन टीम बचाइना गई है। टिड्डी दल का ज्यादा हमला पाकिस्तान सीमा के साथ लगते इलाके में हो सकता है, इसलिए सीमा इलाके में चौकसी बढ़ाई गई है। हर ज़िले में स्प्रे पम्प तैयार रखें, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तैयार रखें, खेतों में पानी की टैंकियां रखें व पानी का और अधिक से अधिक प्रबंध करने के लिए किसानों को अपील की गई है। हाल की घड़ी पंजाब में दाखिल हुए टिड्डी दल को स्प्रे से समाप्त कर दिया गया है, परंतु टिड्डी दल का हमला किसी भी समय हो सकता है, इसलिए किसानों को जब भी कोई कीड़ियों का झुंड उड़ता दिखाई दें, उसकी सूचना कृषि विभाग को देने के लिए कहा गया है। पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी द्वारा टिड्डी दल बारे जागरूक करने के लिए 2 आडियो व 2 वीडियो जारी की गई है।कैसे करें रोकथाम : टिड्डी दल के रोकथाम के लिए कृषि व किसान भलाई विभाग व मिशन तंदुरुस्त पंजाब द्वारा किसानों को क्लोरपाइरीफास 20 फीसदी ई.सी., क्लोरपाइरिफास 50 फीसदी, डैल्टामैथरीन 2.8 ई.सी. डैल्टामैथरीन 1.25 यू.एल.वी., डाईफ्लूबैनजुरोन 25 फीसदी डब्ल्यू.पी., फिपरोनिल 5 फीसदी एस.सी., फिपरोनिल 2.92 फीसदी ई.सी., डाईफ्लूबैनजुरोन 25 फीसदी डब्ल्यू.पी., फिपरोनिल 5 फीसदी एस.सी., फिपरोनिल 2.92 फीसदी ई.सी., लैमडा साइहैलोथरिन 5 फीसदी ई.सी., लैमडा साइहैलोथरिन 10 फीसदी डब्ल्यू.पी., मैलाथिओन 50 फीसदी ई.सी., मैलाथिओन 25 फीसदी डल्ब्यू पी. दवाई का स्प्रे करने की सलाह दी है।