क्लब चैम्पियन्स लीग रही चेलसी के नाम

फुटबाल जगत के  क्लब स्तरीय मुकाबलों में यूएफा चैन्पियन्स फुटबाल लीग का स्थान सबसे ऊपर माना जाता है। इस बार चैम्पियन्स लीग के फाइनल के लिए 32 टीमें (ग्रुप स्टेज) आपस में भिड़ीं। इस बार की चैम्पियन्स लीग की ताज इंग्लैंड की प्रसिद्ध क्लब चेलसी ने जीतने का गौरव हासिल किया। दूसरी तरफ इस देश की एक और प्रसिद्ध क्लब मानचैस्टर सिटी का चैम्पियन्स लीग जीतने का सपना एक बार फिर पूरा नहीं हो सका। चैम्पियन्स लीग का फाइनल मुकबला इस बार और अधिक यादगारी बन गया जब इंग्लैंड की उक्त दो क्लबें खिताब के लिए पहली बार आमने-सामने हुईं, जिस दौरान चेलसी ने अपने कट्टड़ विरोधी मानचैस्टर सिटी को काई रावटज़र् के एकलौते गोल से हरा कर 9 वर्ष बाद खिताब जीता। इस तरह चेलसी ने यह प्रतिष्ठित लीग, 2012 में हासिल की खिताबी जीत के बाद दूसरी बार अपने नाम की। चेलसी की टीम की इस जीत का श्रेय जहां खिलाड़ियों के  शानदार खेल को जाता है, वहीं फुटबाल हलकों में इस मुकाम पर पहुंचने के लिए टीम के मैनेजर थामस टुकेल द्वारा की गई योजनाबंदी की प्रशंसा हो रही है। टुकेल चेलसी के साथ खिताब जीतने से 123 दिन पहले जुड़ा था। इस तरह चेलसी क्लब के संचालकों द्वारा टुकेल की नियुक्ति का उठाया गया कदम, खिताबी जीत के साथ सही साबित हो गया। खेल जगत में चेलसी और मानचैस्टर सिटी के बीच फाइनल मुकाबले को विश्व के दो प्रसिद्ध प्रबंधक थामस टुकेल (चेलसी) और पेप गार्डियोला (मानचैस्टर सिटी) के मध्य मुकाबला कहा जा रहा था। खेल विशेषज्ञों के अनुसार टुकेल ने चेलसी की टीम की रक्षा पंक्ति पर अधिक कार्य किया, जिसका प्रत्यक्ष परिणाम इस तथ्य से मिलता है कि विरोधी टीमें, लीग के 30 मुकाबलों के दौरान 19 मैचों में चेलसी के खिलाफ कोई गोल नहीं कर सकीं। इस टीम के गोलकीपर एडवर्डज़ मैंडी द्वारा खेले गए मैचों के दौरान उसने 9 मैचों में अपनी टीम के खिलाफ कोई गोल नहीं होने दिया।दूसरी तरफ विश्व की सबसे ताकतवर क्लबों में शामिल मानचैस्टर सिटी क्लब के लिए खिताबी मुकाबले में हार को लेकर इस टीम के मैनेजर पेप गार्डियोला की योजनाबंदी आलोचना का शिकार बन गई है। फुटबाल हलकों में चर्चा है कि पेप ने अपने द्वारा तैयार की रणनीति ज़रूरत से अधिक अपनी टीम पर थोपी जिस कारण खिलाड़ी अपनी स्वाभाविक खेल नहीं खेल सके। 2011 में सिटी की टीम पेप के नेतृत्व में बार्सिलोना कोपा डे लीग का फाइनल मैच हारने के बाद दूसरी बार खिताबी मुकाबला हारी है। सिटी की टीम चैम्पियन्स लीग के इतिहास में दूसरी बार खिताबी जंग में शामिल हुई थी। इससे पहले यह टीम 2008 में उप-विजेता रही थी। समूचे रूप में यूएफा चैम्पियन्स लीग चेलसी के लिए कई पक्षों से यादगारी साबित हुई है। 

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