इस बार साहित्य का नोबेल एनी एर्नोक्स को

फ्रांस की लेखिका एनी एर्नोक्स को 2022 का साहित्य का जो नोबेल पुरस्कार मिला है। एर्नोक्स को यह पुरस्कार उनके साहस और समाज की सच्चाई सामने लाने के लिए दिया गया है। नोबेल पुरस्कार कमेटी ने बताया कि एर्नोक्स को यह सम्मान उनके साहस और नैतिक सटीकता के साथ समाज की सच्चाई सामने लाने की कला के लिए दिया गया। कमेटी का कहना है कि समाज को खुद से अलग करके व्यक्ति और समाज के अंतर्विरोधों पर कोई भी टिप्पणी कर सकता है, लेकिन खुद को एक किरदार को तौर पर महसूस करते हुए अलग-अलग समय को अपनी याददाशत में कुरेद कर समाज की कहानी बयान करना लेखन की साहसी विद्या है। 
एनी एर्नोक्स का पालन पोषण किसी महानगर में नहीं हुआ, न ही माता-पिता काफी सम्पन्न थे। वह एक छोटे से शहर में पली-बढ़ी। यहीं उनके माता-पिता एक छोटा-सा कैफे चलाते थे।  उन्होंने 48 वर्ष पहले गर्भपात पर एक किताब लिखी। इसके प्रकाशित होने के लगभग दो वर्ष में ही फ्रांस का कानून बदल गया। 
1943 में फ्रांस में गर्भपात को कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं थी। 23 वर्ष की एक अविवाहित लड़की गर्भवती हो गई। उसके बाद की त्रासदी और अपने अनुभव का इन्होंने बेबसी से चित्रण किया और दुनिया को पढ़ने के लिए प्रस्तुत किया। यह लड़की और कोई नहीं खुद एनी एर्नोक्स थी। समाज भारत सहित सभी देशों में परिवर्तन जल्दी कहीं स्वीकार नहीं करता। खासकर तब जब उसकी परम्परागत नैतिकता पर कोई सवाल उठता हो। एनी एर्नोक्स ने माता-पिता के रिश्तों का बच्चों पर, खास तौर पर बेटियों पर होने वाले असर पर लिखा। एनी मां-बेटी के रिश्तों पर लिखती रही हैं। वह, समाज का युवा से क्या रिश्ता है, भी बहुत अच्छी तरह ब्यां करती हैं। अपने अनुभव के आधार बना कर उन्होंने कहा कि युवावस्था में एहसास और ज्ञान की बीच सामंजस्य बनाना सबसे बड़ी चुनौती होती है, क्योंकि इस उम्र में की गई चूक समाज बर्दाश ही नहीं करता। सरकार भी समाज के साथ खड़ी रहती है। वे ज़रूर भाग्यशाली होते हैं जिनके माता या पिता या फिर दोनों समाज छोड़कर (बेपरवाह होकर) उनका साथ देते हैं। कई लोग अक्सर बिल्कुल अकेले पड़ जाते हैं। एर्नोक्स की पुस्तकें इसी अकेलेपन के कारण टूट जाने और ऐसी परिस्थितियों से संघर्ष कर आगे बढ़ने वाले पात्रों की कहानी ब्यां करती हैं। एर्नोक्स का जन्म वर्ष 1940 में हुआ था। उनकी पहली किताब ‘क्लीन्ड आउट’ 1974 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब की मुख्य किरदार गर्भपात के विषय पर सामाजिक मान्यता और व्यक्तिगत एहसास के बीच झूमती हुई नज़र आती है, यह उन दिनों की बात है जब फ्रांस में गर्भपात गैर-कानूनी हुआ करता था। इस किताब के प्रकाशित होने के एक वर्ष बाद ही इस कानून को लचीला बना दिया गया। दो वर्ष बाद नया कानून लागू हो गया। लगभग 22 वर्ष पहले उनकी किताब ‘हैपनिंग’ प्रकाशित हुई थी। इस किताब  को खतरा बताया गया था कि गर्भपात का मामला तूल पकड़ सकता है। इस किताब के मुताबिक समाज में संस्कारों के कसीदे पढ़ने को ही तरजीह दी जाती है और राजनीति कानून बना कर ऐसे संस्कारों को संरक्षक बन जाती ही, परन्तु महिलाओं की ज़िन्दगी पर उनका खुद का नियंत्रण खत्म हो जाता है। 2021 में इसी किताब पर आधारित फिल्म ‘हैपनिंग’ इंटरनैशनल फिल्म समारोह में गोल्डन लायन पुरस्कार से सम्मानित हुई। एर्नोक्स अपने पूरे लेखन में खुद ही किरदार हैं, जो समाज का एक हिस्सा होकर रहते हुए समाज की छुपी सच्चाई बताती है। वास्तविकता तो यह है कि एनी ने जो जिया उसे बेबाकी से चित्रित किया है।