खतरनाक घोषित पाकिस्तान को अमरीकी मदद के सरोकार

पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चिंता जताई है। कहा है कि परमाणु हथियार सम्पन्न पाकिस्तान दुनिया का सबसे खतरनाक देश है। भारत ऐसा अनेक बार पहले भी कह चुका है। इस चेतावनी के बावजूद बाइडेन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस वाजिब चिंता को दूर करने के लिए अमरीका क्या कदम उठाएगा? जब तक इस चिंता को दूर करने के लिए कोई पहल नहीं की जाएगी, ऐसे बयानों का कोई नतीजा निकलने वाला नहीं है। वैसे अमरीका का यह बयान कुटिल चतुराई लगता है क्योंकि हाल ही में अमरीका ने पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता देने के बहाने बड़ी मदद कर भारत के साथ विश्वासघात किया है। अमरीका ने पाक को 16 लड़ाकू विमान और इनके रख-रखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद की है। 2018 के बाद से यह पाकिस्तान को की गई सबसे बड़ी मदद है जबकि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद पर यह कह कर रोक लगा दी थी कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ अमरीका की लड़ाई में कोई सहायता नहीं कर रहा है। दरअसल बाइडेन ने यह मदद देकर भारत के संदर्भ में जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।
बाइडन ने यह बयान लास एंजिलिस में डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों को संबोधित करते हुए चीन, रूस व पाकिस्तान से जुड़ी तीन समस्याओं को अमरीका की विदेश नीति के समक्ष तीन चुनौतियों के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग को मालूम है कि वह क्या चाहते हैं, लेकिन उनके साथ कई तरह की समस्याएं भी हैं। मुझे लगता है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है जिसके पास परमाणु हथियार हैं किन्तु वहां कोई सामंजस्यता नहीं है। बाइडेन ने चीन की तरफ  से अमरीका को मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा और यूक्रेन-रूस संकट से उपजे वैश्विक हालात को भी रेखांकित किया। दरअसल हाल ही में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने परमाणु युद्ध की धमकी दी है। रूस को यूक्रेन जिस तरह से चुनौती देता हुआ आक्रामकता दिखा रहा है, उससे रूस द्वारा यूक्रेन पर परमाणु हमले की आशंका बढ़ गई है। इधर पाक के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर भारत समेत कई पश्चिमी देश चिंता जता चुके हैं। इनकी आशंका है कि पाकिस्तानी परमाणु हथियार कहीं आतंकियों व जिहादियों के हाथ लग गए तो संकट खड़ा हो सकता है। अमरीका के विदेश नीति विशेषज्ञ मार्विन क्लब का कहना है कि अफगानिस्तान में तालिबान की जीत से प्रेरणा लेकर पाकिस्तान के जिहादी भी सत्ता हासिल करने के प्रयास में लगे हैं। इसलिए पाक के परमाणु हथियार दुनिया के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।   
परमाणु हथियारों पर नज़र रखने वाले लेखकों के दल की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास इस समय 140 से 150 परमाणु हथियार हैं। यदि परमाणु अस्त्र-शस्त्र निर्माण करने की उसकी यही गति जारी रही तो 2025 तक इनकी संख्या बढ़ कर 220 से 250 हो जाएगी। यदि यह संभव हो जाता है तो पाक दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा परमाणु हथियार सम्पन्न देश हो जाएगा। अमरीका की रक्षा खुफिया एजेंसी ने 1999 में अनुमान लगाया था कि 2020 तक पाकिस्तान के पास 60 से 80 परमाणु हथियार ही तैयार हो पाएंगे।    
अमरीकी गुप्तचर संस्था सीआईए के पूर्व वरिष्ठ खुफिया अधिकारी केविन हलबर्ट की बात मानें तो पाकिस्तान दुनिया के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक देशों में से एक है। पाकिस्तान की यह खूंखार और डरावनी सूरत इसलिए बन गई है, क्योंकि तीन तरह के जोखिम इस देश में खतरनाक ढंग से बढ़ रहे हैं। एक आतंकवाद, दूसरे ढह रही अर्थव्यवस्था और तीसरे परमाणु हथियारों का जरूरत से ज्यादा भंडारण। आर्थिक संकट के ऐसे ही बदतर हालात से उत्तर कोरिया जूझ रहा है। दुनिया में ये दोनों देश ऐसे हैं, जो भारत और अमरीका पर परमाणु हमला करने की धमकी दोहराते रहते हैं। मानव स्वभाव में प्रतिशोध और ईर्ष्या दो ऐसे तत्व हैं, जो व्यक्ति को विवेक और संयम का साथ छोड़ देने को मजबूर कर देते हैं। इस स्वभाव की क्रूरतम परिणति हम अमरीका द्वारा हिरोशिमा पर 6 अगस्त, 1945 और नागासाकी पर 9 अगस्त, 1945 को किए गये परमाणु हमलों के रूप में देख चुके हैं। अमरीका ने हमले का जघन्य अपराध उस नाजुक परिस्थिति में किया था, जब जापान इस हमले के पहले ही लगभग पराजय स्वीकार कर चुका था। इस दृष्टि से पाकिस्तान और उत्तर कोरिया पर भरोसा कैसे किया जाए?
पाकिस्तान दुनिया के लिए खतरनाक देश हो अथवा न हो, लेकिन भारत के लिए वह खतरनाक है, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं है। दशकों से वह भारत पर हमला करने के लिए आतंकियों के इस्तेमाल को सही ठहराता आ रहा है। पाक भारत के खिलाफ  युद्ध के लिए कट्टपंथी मुस्लिम अतिवादियों को खुला समर्थन दे रहा है। मुम्बई और भारतीय संसद पर हमले के दिमागी कौशल रखने वाले योजनाकार दाऊद और हाफिज सईद को पाक ने शरण दे रखी है। इसके अलावा वह सीमा के युद्ध की स्थिति भी जारी रखे हुए है। भारत के खिलाफ  आतंकी रणनीतियों को प्रोत्साहित व सरंक्षण देने का काम पाक की गुप्तचर संस्थाएं और सेना भी कर रही हैं। हालांकि पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को संरक्षण देने के उपाय अब उसके अपने लिए भी संकट बन रहे हैं। आतंकी संगठनों का संघर्ष शिया बनाम सुन्नी मुस्लिम अतिवादियों में तब्दील होने लगा है। इससे पाक में अंतर्कलह और अस्थिरता बढ़ी है।
दुनिया में फिलहाल 9 परमाणु शक्ति सम्पन्न देश हैं। ये हैं, अमरीका, रूस, फ्रांस, चीन, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, इजराइल और उत्तर कोरिया। इनमें अमरीका, रूस, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन के पास परमाणु बमों का इतना बड़ा भंडार है कि वे दुनिया को कई बार नष्ट कर सकते हैं। हालांकि ये पांचों देश परमाणु अप्रसार संधि में शामिल हैं। इस संधि का मुख्य उद्देश्य परमाणु हथियार व इसके निर्माण की तकनीक को प्रतिबंधित बनाए रखना है। हालांकि ये देश इस मकसद की पूर्ति में सफल नहीं रहे। पाकिस्तान ने ही तस्करी के जरिए उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार निर्माण तकनीक हस्तांरित की और वह आज परमाणु शक्ति सम्पन्न नया देश बन गया है।
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