न कभी देखी, न कभी सुनी लीबिया में बाढ़ की ऐसी ़ख़ौफनाक रात...!

उत्तर अफ्रीकी देश लीबिया के तटीय शहर डर्ना में 9 सितम्बर 2023 को समुद्री तूफान डैनियल से तबाही की आशंका तो थी, लेकिन दोपहर तक लगने लगा था कि अब डैनियल आराम से लीबिया के पूर्वी तट को पार कर जायेगा। मगर जैसे जैसे शाम गहराने लगी तूफान अपना रंग बदलने लगा। देर रात गये तो यह बहुत ही भयानक हो गया। आधी रात के बाद जब तकनीकी रूप से कैलेंडर 10 सितम्बर में प्रवेश कर गया, तब तक तो यह इतना प्रचंड हो चुका था कि लीबिया के इतिहास में ही नहीं हाल के दशकों में पूरी दुनिया के इतिहास में किसी समुद्री तूफान ने ऐसी तबाही नहीं मचाई थी, जैसा मंजर डैनियल ने पैदा किया। रात 2 बजे से 4 बजे के बीच यह भयानक तूफान अपने चरम पर पहुंच गया था। 80 किलोमीटर से ऊपर की हवाएं चल रही थीं। सैकड़ों बिजली के खंभे और सड़कों के किनारे खड़े हजारों पेड़, तूफान और लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से उखड़कर जमीन में बिछ गये थे।
समुद्री तूफान डैनियल और उसके साथ हो रही मूसलाधार बारिश ने देखते ही देखते डर्ना शहर को लाशों से उफनते कब्रिस्तान में बदल दिया। शायद यह इतना भयानक नहीं होता अगर इस तूफान और मूसलाधार बारिश के चलते शहर से सटे दो पानी के विशाल बांध नहीं टूट गये होते। बांध टूट जाने के बाद भूमध्यसागर से उठा तूफान डैनियल इतना ज्यादा खूंखार हो गया कि देखते ही देखते सैकड़ों मंजिलों वाली ऊंची इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढहने लगीं। यह सब कुछ इतना अप्रत्याशित हुआ था कि लोगों के पास बचने और भागने का कोई रास्ता ही नहीं था। प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक 10,000 लोगों के मरे जाने का लगाया गया। लेकिन तीसरे दिन बीते 14,000 से ज्यादा लाशें इकट्ठा करके उन्हें सामूहिक रूप से दफन किया गया और पांचवें दिन के अनुमान के मुताबिक 22,000 से ज्यादा लोग इस भयानक बाढ़ और तूफान में मारे जा चुके थे और अभी भी जब ये पंक्तियां लिखी जा रही हैं, करीब 6000 लोगों का कोई अता पता नहीं है, जिसका मतलब यह है कि इस त्रासदी में कम से कम 30,000 के आसपास लोग मारे गये हैं।
बाढ़ विभीषिकाओं में इतने ज्यादा लोग एक जगह और वह भी एक रात की तबाही में कभी नहीं मारे गये। इस लिहाज से यह बाढ़ की त्रासदी, अब तक की सबसे भयानक बाढ़ त्रासदी है। लीबिया के इस समुद्र तटीय शहर में यह भयानक त्रासदी इतने औचक ढंग से आयी कि बचने के लिए किसी को कोई मौका ही नहीं मिला। क्या यह भविष्य में आने वाली भीषण त्रासदियों का ट्रेलर है? जलवायु परिवर्तन जिस हद तक पहुंच चुका है, क्या उसके बाद अब रह रहकर ऐसे ही मंजरों से दो चार होना पड़ेगा? संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया को लीबिया की त्रासदी से सबक लेने के लिए कहा है, उनकी ही तरह दुनिया के अनेक मशहूर जलवायु वैज्ञानिकों का भी मानना है कि जिस भयावह तरीके से महज कुछ घंटों में एक समुद्री तूफान ने करीब 30,000 जानें लील गया, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिनों दिन बिगड़ता पर्यावरण और त्रासद बनती जलवायु किस हद तक इंसान के लिए खतरनाक होने जा रही है। अगर इतने लोग युद्ध में मारे जाते तो इसके लिए कम से कम पांच साल लगते। लेकिन समुद्री तूफान और मूसलाधार बारिश से बने भयावह तूफानी कहर ने पलक झपकते ही इतने लोगों की जिंदगी लील गया। वैज्ञानिक अकारण चिंतित नहीं हैं, वे लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि हर गुजरते दिन के साथ जलवायु परिवर्तन बहुत भयावह मोड़ पर पहुंचता जा रहा है। शायद ही ऐसे त्रासदीपूर्ण सैलाब अब के पहले आये हों, जिस तरह के सैलाब पिछले कुछ दिनों में रह रहकर आ रहे हैं। सिर्फ 2018 से 2023 के बीच ही 20 ऐसे समुद्री तूफान आ चुके हैं, जिनमें भयावह बाढ़ मौत के सबसे डरावने रूप में सामने आयी है और महज पांच साल के अंदर दुनियाभर में आयी बाढ़ों से ढाई लाख से ऊपर लोग मारे जा चुके हैं।
एक ऐसे समय में जब इंसान के पास विकास की तमाम बड़ी-बड़ी उपलब्धियां हों, कुदरत की गुस्साभरी इन गतिविधियों का शिकार होने वाले लोग सबूत हैं कि विकास के नाम पर पिछले कुछ दशकों में हमने जिस तरह कुदरत के साथ खिलवाड़ किया है, अब कुदरत उन सबका पानी पी पीकर हमसे बदला लेने को तैयार है। लीबिया की भयावह बाढ़ पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है, जितना जल्दी हो दुनिया को समझ लेना चाहिए कि लीबिया की जगह कोई भी हो सकता है। वैसे भी पिछले एक दशक में बाढ़ आने के सिलसिल में 70 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है। यह सब कुछ बहुत डराता है।


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