विपक्षी गठबंधन पर भारी भाजपा की उपलब्धियां

एक तरह से आगामी लोकसभा के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। एक तरफ  28 विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ तो दूसरी तरफ  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने आगामी चुनाव को लेकर गोटिया जमानी शुरू कर दी हैं। दो बार प्रधानमंत्री के रूप में जिन उपलब्धियों को देश ने हासिल किया है उसके सामने विपक्षी दलों का गठबंधन फेल नज़र आ रहा है। 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद हिन्दुत्व की लहर भाजपा के लिए किसी संजीवनी से कम साबित नहीं होगी। उधर नितीश की कुमार की विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व को नकाराने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खज़गे को अध्यक्ष पद पर सुशोभित किया गया है। ऐसे में इतना तो तय है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन और उपलब्धियों के बीच मुकाबला होना है। विपक्षी गठबंधन महंगाई, बेरोज़गारी जैसे कई अन्य मुद्दे को लेकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। 
दूसरी तरफ  भाजपा ने अपनी उपलब्धियों का पिटारा खोल दिया है। आगामी बजट भी भाजपा के लिए कारगर साबित होगा। आगामी बजट को लेकर केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को खास ज़िम्मेदारी सौपी गई है। राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि भाजपा को 2024 में 2019 के मुकाबले कम से 40 सीटें अधिक मिलने वाली हैं। इसका पहला कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सशक्त छवि को बताया जा रहा है। दूसरा बड़ा कारण भाजपा का बहुसंख्यक हितों को ध्यान में रख कर सांस्कृतिक, धार्मिक प्रयास जारी है। भगवान राम की 22, जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा होगी। यूएई के अबू धाबी में मंदिर के उद्घाटन में प्रधानमंत्री जाएंगे जबकि विपक्ष राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने और न जाने को लेकर भ्रमित है। तीसरा बड़ा कारण प्रधानमंत्री किसी को भूखा नहीं सोने दे रहे हैं। अब 2029 तक देश के 81.78 करोड़ गरीबों को पांच किलो अनाज मिलने का लक्ष्य रखा जा रहा है। एक्सप्रेस हाईवे पर लोगों की गाड़ियां दौड़ रही हैं। देश का चहुमुंखी विकास हो रहा है। देश के कोने-कोने में आम जनता खुद कह रही है कि देश की दुनिया में साख बढ़ी है। यही नहीं पिछले कुछ अरसे से चीन जैसे कई देशें की मीडिया में मोदी के नेतृत्व की खासी चर्चा ने भाजपा सरकार को मज़बूती दिलाई है। 
ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने अपना अध्यक्ष चुन लिया है।गठबंधन की वर्चुअल बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पर सहमति बनी है। ऐसे में अब यह तय हो गया है कि ‘इंडिया’ गठबंधन की कमान अब दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के हाथ में होगी। विपक्षी धड़े की बैठक में सीटों के बंटवारे से पहले अध्यक्ष के नाम पर सहमति बन गई। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को संयोजक बनाए जाने की चर्चा थी। हालांकि, नितीश कुमार ने संयोजन का पद लेने से इन्कार कर दिया।  हालांकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक में नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष नितीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाने का भी फैसला किया, लेकिन अंतिम फैसला उन पार्टियों से परामर्श करने के बाद लिया जाएगा, जिनके प्रतिनिधि बैठक में मौजूद नहीं थे। आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए इंडियन नैशनल डिवैल्पमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के बैनर तले 28 विपक्षी दल एक साथ आए हैं। वैसे देखा जाए तो देश के कई राज्यों में गैर-भाजपा सरकार हैं, लेकिन क्या उन राज्यों में बेरोज़गारी और महंगाई का ग्राफ  कम हुआ है? इन सब परिस्थितियों के चलते गठबंधन को अपनी बात जनता तक पहुचाने में काफी दिक्कत होगी। अब बात करें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अब तक के कार्यकाल की विशेष उपलब्धियों की, तो उनमें विश्व के 25 सबसे ताकतवर देशों की सूची में भारत का तीसरा नम्बर, 1.4-1.5 लाख करोड़ के पार जीएसटी कलेक्शन, नए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में भारत दूसरे स्थान पर है। 2017-18 में दो गुना सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ। इससे चीन और अमरीका भी दंग हैं। वर्तमान में भारत का जीडीपी 8.2 प्रतिशत, चीन का 6.7 प्रतिशत और अमरीका की 4.2 प्रतिशत है। अर्थ व्यवस्था में फ्रांस को पीछे धकेल नम्बर 6 बना। ऑटो मार्केट में जर्मनी को पीछे छोड़ नम्बर चार, बिजली उत्पादन में रूस को पीछे छोड़ नम्बर तीन बना, टैक्सटाइल उत्पादन में इटली को पीछे छोड़ नम्बर दो, मोबाइल उत्पादन में वियतनाम को पीछे छोड़ नम्बर दो, स्टील उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ नम्बर दो,  चीनी उत्पादन में ब्राज़ील को पीछे छोड़ नम्बर एक बनने के साथ 8 महीनों में 230 आतंकियों का सफाया किया। बहरहाल इतना तय है कि आगामी लोकसभा चुनाव रोमांचकारी और अद्भुत होगा।