मध्यम वर्ग पर केन्द्रित होगा आगामी बजट

अपेक्षा और दावे के विपरीत आए चुनाव परिणामों से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व चितिंत अवश्य दिखाई दिया है। उसे समझ में आ गया है कि मध्यम वर्ग की उपेक्षा के कारण पार्टी चुनाव में अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई। ऐसे में आगामी आम बजट के जरिए केंद्र की भाजपा सरकार चुनावी घोषणा पत्र के वायदों को पूरा करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि इस बार का बजट युवा, रोज़गार, महिला, बुजुर्ग और मध्यम वर्ग पर केंद्रित होगा। इसके लिए सरकार जहां आयुष्मान भारत से पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज को जारी रखेगी, वहीं 70 वर्ष से ऊपर के बुज़ुर्गों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। भाजपा ने चुनाव से पहले घोषणा की थी कि आयुष्मान भारत के तहत 70 वर्ष से ऊपर के बुज़ुर्गों को मुफ्त में इलाज मुहैया कराया जाएगा। अब बजट के माध्यम से पैसे का आवंटन करने की तैयारी है। इस तरह सरकार अन्य जन-कल्याणकारी योजनाओं का भी बजट बढ़ाने पर विचार कर रही है। इस बार युवाओं के लिए रोज़गार पर भी विशेष ध्यान रहेगा। यही नहीं केन्द्र सरकार के कई विभागों में भारी भरकम रिक्तियों को भी भरने के लिए चरणबद्ध भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने पर विचार कर रही है। आम चुनाव के नतीजे उम्मीद के मुताबिक न आने के बाद से भाजपा सरकार युवाओं को साधने की कोशिश कर रही है। ज्ञात हो कि इस वर्ष के अंत में कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, जिसमें भाजपा को लगता है कि अगर युवा वर्ग नाराज़ हुआ तो नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए युवाओं को रोज़गार दिलाने के लिए केंद्र सरकार अपने खजाने का मुंह खोलने को तैयार है। इंफ्रास्ट्रक्चर, निवेश, उत्पादन, उच्च मूल्य वाली सर्विस, स्टार्टअप, पर्यटन और खेल के क्षेत्र में युवाओं के लिए रोज़गार पैदा करने की संभावना तलाशी जा रही है। रोज़गार पैदा करने वाले इन क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं में निवेश को बढ़ाने और नई परियोजनाओं को बजट के माध्यम से स्वीकृति मिलने की संभावना है। भाजपा सरकार भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर लगातार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर दावे कर रही है। रोज़गार के लिए महिला स्वयं सहायता समूह को सेवा क्षेत्र से जोड़ने का रास्ता खुल सकता है। इससे निम्न और मध्यवर्ग की महिलाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। क्योंकि स्वयं सहायता समूह में इन्हीं वर्गों की महिलाएं सबसे ज्यादा कार्यरत हैं। महिलाओं की जन सुविधा के लिए सरकार बड़े शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय बनाने को लेकर भी अलग से योजना ला सकती है। देशभर में महिलाओं से संबंधित बीमारियों की बड़ी समस्या है, जिसके लिए सरकार राष्ट्रीय स्तर पर विशेष स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित करने का ऐलान भी कर सकती है।
इस बार सरकार की वित्तीय स्थिति काफी अच्छी है। जीएसटी समेत अन्य कर संग्रह तेज़ी से बढ़ रहा है। अप्रैल महीने में जीएसटी का अब तक का उच्चतम 2.10 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ। हालांकि, इसमें मई महीने में थोड़ी गिरावट आई थी, लेकिन उसके बावजूद 1.73 लाख करोड़ रुपये सरकार के खज़ाने में आए। इस तरह से शेष मदों से भी सरकार की आय बढ़ी है। इसलिए सरकार वित्तीय स्थिति को देखते हुए अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अपनी जन-कल्याणकारी और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के लिए बजट में बड़े ऐलान कर सकती है। युवा एवं पढ़े-लिखे बेरोज़गारों, प्रतियोगी परीक्षाओं में चल रही धांधली से नाराज़ युवाओं की नाराज़गी दूर करने के लिए केंद्र सरकार अपने खज़ाने का मुंह खोलने को तैयार है। रोज़गार पैदा करने वाले इन क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं में निवेश को बढ़ाने और नई परियोजनाओं को बजट के माध्यम से स्वीकृति मिलने की संभावना है। जानकारों के अनुसार  इस बार का बजट आधारभूत ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का होगा। इसके लिए सरकार सड़क, रेल, बंदरगाह, बिजली, ग्रीन एनर्जी, एयरपोर्ट, मेट्रो समेत अन्य क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं को लेकर बड़ी घोषणा हो सकती है। इन परियोजनाओं के जरिए रोज़गार के बड़े अवसर भी पैदा होंगे। इस तरह से उत्पादन और सर्विस क्षेत्र को लेकर भी बड़ी घोषणाएं संभव है, जिसमें सबसे ज्यादा कुशल व प्रशिक्षित युवाओं की ज़रूरत पड़ेगी। युवा अपने दम पर कारोबार के क्षेत्र में आगे बढ़ें, इसके लिए स्टार्टअप पर दी जा रही छूट को आगे भी जारी रखा जा सकता है। कुछ अतिरिक्त ऐलान भी स्टार्टअप को लेकर किए जा सकते हैं। 
खेल और पर्यटन से जुड़ी मदों का बजट भी बढ़ाया जा सकता है। चुनाव से पहले भाजपा ने घोषणा पत्र में युवाओं के लिए इन सभी क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर पैदा करने का वादा भी किया था।