हरियाणा: मिट्टी के बर्तन लेने में लोगों की दिलचस्पी कम, मुनाफा भी नाममात्र 

यमुनानगर, 20 अक्टूबर (कुलदीप सैनी) - छछरौली के रहने वाले जॉनी प्रजापति वैसे तो एक प्राइवेट नौकरी करते हैं लेकिन पिछले दो महीने से वह त्यौहार आते ही मिट्टी के बर्तन बनाने लगे हैं। वह बताते हैं कि यह हमारा पुश्तैनी काम है जिसे मैंने सीखा है। लेकिन इस काम में घर नहीं चलता और ना ही मुनाफा है। इसमें मेहनत ज्यादा है खर्चा भी अच्छा खासा आता है लेकिन मुनाफा नहीं होता। लेकिन हम इसे मजबूरीवश कर रहे हैं। क्योंकि इसके लिए मिट्टी बाहर से लेकर आनी पड़ती है फिर उन्हें तैयार करना पड़ता है और उसके बाद मिट्टी के बर्तनों को पकाया जाता है। इसमें मेहनत ज्यादा होती है लेकिन उसके मन माफिक हमें दाम नहीं मिलते। लेकिन फेस्टिवल सीजन में लोगों की खुशी के लिए हम यह काम करते हैं और उन्हें मिट्टी के बर्तन बना कर देते हैं।