धोखाधड़ी केस में राजन मेहता की अग्रिम ज़मानत रद्द, गैर-ज़मानती वारंट जारी

जालंधर, 24 अक्टूबर 2024 – अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजीव के. बेरी की अदालत ने धोखाधड़ी और विश्वासघात (धारा 406 और 420 आईपीसी) के मामले में राजन मेहता की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी। इस बीच, पहले ही एक अन्य आदेश में आरोपी के खिलाफ गैर-ज़मानती वारंट भी जारी हो चुका है । राजन मेहता पर आरोप है कि उन्होंने एक ऐसी संपत्ति का हिस्सा बेच दिया, जिस पर उनका स्वामित्व नहीं था। इस मामले में पुलिस ने पहले एफआईआर नंबर 173 के तहत जांच की और बाद में रद्दीकरण रिपोर्ट अदालत में दाखिल की। हालांकि, अदालत ने इसे शिकायत के रूप में स्वीकार करते हुए आगे की सुनवाई जारी रखी । शिकायतकर्ता तेजपाल सिंह की शिकायत पर जारी बरेबल वारंट की तामील के बावजूद मेहता ने अदालत में हाजिरी नहीं दी। इसके चलते 5 अक्टूबर 2024 को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, रीतब्रिंदर सिंह ढलिवाल की अदालत ने 5 नवंबर 2024 के लिए गैर-ज़मानती वारंट जारी करने का आदेश दिया । 24 अक्टूबर 2024 को सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजीव के. बेरी ने मेहता की अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि 2017 में पहले भी उनकी ज़मानत याचिका खारिज हो चुकी है, और अब दोबारा उसी मामले में ज़मानत के लिए आवेदन करना कानूनन गलत है। अदालत ने यह भी माना कि मेहता ने स्वयं स्वीकार किया है कि उन्होंने ऐसी संपत्ति के कब्जे का अधिकार हस्तांतरित किया, जो उनकी नहीं थी।