जल जीवन मिशन में कमियों को लेकर केंद्र ने राज्यों पर शिकंजा कसा

नई दिल्ली, 25 नवंबर (ANI): केंद्र ने जल जीवन मिशन में कमियों को लेकर राज्यों पर शिकंजा कसा है। जल जीवन मिशन (JJM) केंद्र की कड़ी जांच के दायरे में आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर नियुक्त 287 केंद्रीय नोडल अधिकारियों ने लगभग 473 गांवों में मेगा और सिंगल-विलेज वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट्स का बड़े पैमाने पर ग्राउंड वेरिफिकेशन किया, जिसमें लगभग 1.30 लाख करोड़ रुपये की योजनाएं शामिल थीं। ये जांच मिशन के तहत फाइनेंशियल, प्रोसीजरल और क्वालिटी से जुड़े उल्लंघनों पर केंद्र की सख्त निगरानी और जीरो-टॉलरेंस अप्रोच के तहत की गईं।

अधिकारियों के अनुसार, राज्यों को बार-बार यह पक्का करने के निर्देश दिए गए हैं कि हर शिकायत की तुरंत जांच हो, बिना देरी के फील्ड वेरिफिकेशन हो, और बिना किसी छूट के सभी ज़रूरी डिसिप्लिनरी, कॉन्ट्रैक्ट और कानूनी कार्रवाई की जाए। जैसा कि प्रधानमंत्री ने जोर दिया, ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी इस योजना के ज़रूरी स्तंभ बने हुए हैं।

सेंट्रल नोडल ऑफिसर्स के दिए गए फीडबैक से पता चला कि बड़ी वॉटर सप्लाई स्कीमों में परफॉर्मेंस में काफी कमी है, जहां इंस्पेक्ट किए गए 68 परसेंट गांवों में रेगुलर वॉटर सप्लाई, 6 परसेंट में अनियमित सप्लाई और 26 परसेंट गांवों में काम नहीं हो रहा था।

ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 20 राज्यों - जिनमें असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, राजस्थान, त्रिपुरा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब और पश्चिम बंगाल शामिल हैं - ने गड़बड़ियों के मामले दर्ज किए हैं और 621 डिपार्टमेंटल ऑफिसर्स, 969 कॉन्ट्रैक्टर्स और 153 थर्ड-पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसियों से जुड़े 607 मामलों में की गई कार्रवाई की डिटेल्स जमा की हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि करप्शन के लिए जीरो टॉलरेंस होना चाहिए। JJM 2019 मिशन हर ग्रामीण घर में पीने का पानी पक्का करने के लिए शुरू किया गया था। इसके लॉन्च के समय, सिर्फ 3.23 परसेंट ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन थे। नवंबर 2025 तक, मिशन के तहत 15.7 करोड़ ग्रामीण घरों को नल के पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

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