सिख भाईचारे ने 1947 से बंद पड़ी मस्जिद मुसलमानों को सौंपी

मालेरकोटला, 25 फरवरी (जमील जौढ़ा,शमशाद सोनी) : काकड़ा से भवानीगढ़ रोड पर स्थित गांव रौशनवाला में सिख भाईचारे के लोगों ने सन 1947 से मुस्लिम भाईचारे की बंद पड़ी मस्जिद मुसलमानों के हवाले करके आपसी प्यार की अद्वितीय मिसाल पेश की। यदि इतिहास के पन्नों को टटोल कर देखें तो मुस्लिम-सिख भाईचारे के आपसी प्यार की अनेकों मिसालें मौजूद हैं। पंजाब और पड़ोसी राज्यों अंदर कई वर्षों से दीन की ख़िदमत करते आ रहे अदारा तामीर-ए-मस्जिद की तरफ से मस्जिद का नींव पत्थर रखा गया। इस संबन्धित प्रैस को जानकारी देते प्रसिद्ध समाज सेवी और संस्था के एक्टिव सदस्य पप्पू पहलवान ने बताया कि अदारा तामीर-ए-मस्जिद की टीम और मालेरकोटला के आदरणीय सज्जनों की तरफ से सिख भाईचारे का धन्यवाद किया गया। इस मौके संबोधित करते हज़रत मौलाना मुफ्ती ग्यासूदीन साहिब ने कहा कि हमें सभी को अपनी ज़िंदगी आपसी सहयोग, प्यार मोहब्बत के साथ गुज़ारनी चाहिए। इसके अलावा संगरूर रेलवे स्टेशन के सामने, गांव ढंडोरी कलां और छाहड़ ( दिड़बा) में भी मस्जिदों के संग ए बुनियाद रखे गए। इस मौके हज़रत मौलाना मुफ्ती मुहम्मद ताहिर और हज़रत मौलाना मुफ्ती मुहम्मद कासिम साहिब ने भी इंसानी भाईचारे, प्यार, मोहब्बत और देश की एकता का संदेश देते हुए लोगों को खिताब किया। इस मौके हाजी अब्दुल शकूर, हाजी अब्दुल सतार, हाजी मुहम्मद साबर, मुहम्मद हनीफ, मास्टर मुहम्मद इकबाल, पप्पू पहलवान, मुहम्मद हुसैन आदि भी उपस्थित थे।