प्राकृतिक स्रोतों की संभाल समय की मांग : आहलूवालिया

लुधियाना, 9 मार्च (सुधीर अग्निहोत्री) : हमें पिछले 5 वर्षों दौरान नि:शुल्क बिजली व खादों पर दी जाने वाली सब्सिडी पर पुनर्विचार की ज़रूरत है, क्योंकि समय की ज़रूरत है कि प्राकृतिक स्रोतों को संभालने। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में गुरुदेव सिंह खुश फांउडेशन के वार्षिक सम्मान सम्मेलन दौरान डा. मोंटेक सिंह आहलूवालिया प्रमुख अर्थ शास्त्री व भारत सरकार के प्लानिंग सैल के पूर्व चेयरमैन ने संबोधन दौरान कृषक पक्ष नीतियों की ज़रूरत पर जोर देते हुए कहा कि 2004-2011 तक देश में कृषि आय में वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण भूमि की बेहतर स्थिति, किसानों के लिए फसलों का समर्थन मूल्य व कृषि वस्तुओं की कीमत में बढ़ौत्तरी था। डा. आहलूवालिया ने कहा कि आज हमें दालों व बागबानी फसलों की तरफ अग्रसर होना ज़रूरी है। मक्की कृषि विभिन्नता का एक बड़ा पथ बन सकता है। उन्होंने प्राकृतिक स्रोतों के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि निजी क्षेत्रों में भी इस पर ध्यान देना जरूरी है। इस मौके 14 विद्यार्थियों व वैज्ञानिकों को गुरदेव सिंह खुश यात्रा ग्रांट के साथ सम्मानित किया गया तथा सम्मानित व्यक्ति आर्थिक सहायता के साथ स्वदेश व विदेश में होने वाले सम्मेलनों में हिस्सा ले सकते हैं। इसके पश्चात पी.ए.यू. के 38 व गढवासू के 14 व्यक्तियों को गुरदेव सिंह खुश छात्रवृत्ति दी गई। डा. गुरदेव सिंह खुश ने सम्मान प्राप्त विद्यार्थियों व विज्ञानियों को बधाई देते हुए अपने-अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने के साथ-साथ उक्त सम्मान ग्रामीण विद्यार्थियों को मिलने की आशा प्रगट की और कहा कि वह अधिक मेहनत करें व समर्थ हों। इस अवसर पर अन्यों के अतिरिक्त उप कुलपति डा. बलदेव सिंह ढिल्लों, डा. एस.एस. जौहल उप कुलपति पंजाब सैंट्रल यूनिवर्सिटी, डा. खेम सिंह गिल, डा. ए.एस. नंदा, डा. दर्शन सिंह बराड़ आदि उपस्थित थे।