देश के कई राज्यों में एटीएम से नकदी गायब

नई दिल्ली, 17 अप्रैल :  देश के कुछ राज्यों में नकदी की मांग में अचानक आई तेज़ी से एटीएम खाली हो गए जिससे स्थिति में सुधार के लिए सरकार को तुरंत हरकत में आना पड़ा और उसने नकदी उपलब्ध कराने की योजना पर काम शुरू कर दिया। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और चुनाव वाले कर्नाटक राज्य में नकदी की मांग में आई असामान्य तेजी से निकासी बढ़ने के कारण एटीएम खाली हो गए। सरकार का कहना है कि उसका संदेह है कि 2,000 रुपए के नोट की जमाखोरी की जा रही है। इसे देखते हुये उसने 500 रुपये के नोट की छपाई पांच गुना बढ़ाने की योजना बनाई है। सरकार ने कहा है कि एक माह के भीतर 70,000 से 75,000 करोड़ रुपये की छपाई कर ली जायेगी। उधर, रिज़र्व बैंक ने कहा है कि कुछ स्थानों पर नकदी की कमी मुद्रा पहुंचाने की सुविधाओं से जुड़े मुद्दों की वजह से हो सकती है। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि सभी चार नोट मुद्रण कारखानों में काम तेज़ कर दिया गया है। कई राज्यों में सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्र के बैंकों के एटीएम काम नहीं कर रहे थे। उनमें नकदी नहीं का संकेत दिखाया जा रहा था। हालांकि, अधिकारियों ने जोर देते हुए कहा कि ऐसी कोई घबराने वाली स्थिति नहीं है। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विभिन्न शहरों में नकदी की तंगी का असर देखा गया। राजनीतिक मोर्चे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एटीएम खाली होना एक बार फिर से नोटबंदी के दिनों की याद दिलाता है। 
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने हालांकि बैंक ग्राहकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि समस्या का हल जल्द ही कर लिया जाएगा। जेतली ने कहा कि उन्होंने देश में मुद्रा की उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा की है। सरकार बैंकों और रिजर्व बैंक में मुद्रा की उपयुक्त आपूर्ति को लेकर जांच-परख कर रही है। वित्त मंत्रालय की आज जारी विज्ञप्ति में नकदी की तंगी की रिपोर्टों की पुष्टि की गई है। इसमें कहा गया है, ‘‘पिछले तीन माह के दौरान देश में नकदी की मांग में असामान्य तेजी आई है।’’ मंत्रालय ने कहा है कि अप्रैल के शुरुआती 13 दिन में मुद्रा आपूर्ति में 45,000 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है जबकि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और बिहार के कुल हिस्सों में मांग में असामान्य तेज़ी देखी गई है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग ने कहा है कि रिज़र्व बैंक नकदी की तंगी से निपटने के लिये 500 रुपये के नोट की छपाई को पांच गुना बढ़ाकर 2,500 करोड़ रुपये प्रतिदिन करेगा। ‘‘इस प्रकार एक महीने में हम 70,000 से 75,000 करोड़ रुपये के नोट छाप लेंगे। 
इससे आपको भरोसा हो जायेगा कि हम बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए तैयारी में हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को संदेह है कि 2,000 रुपये के नोट को जमा किया जा रहा है , क्योंकि ये नोट वापस बैंकों में नहीं लोट रहे हैं। 
‘‘ऐसी भी धारणा है कि भविष्य में मुद्रा की कमी हो सकती है इसलिए लोगों ने अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया इससे भी तंगी बढ़ी है।’’ गर्ग ने कहा, ‘‘हमारे पास मुद्रा का उपयुक्त भंडार है। वर्तमान में स्टाक में करीब दो लाख करीड़ रुपये की मुद्रा है और यह भंडार मांग में आई असामान्य तेजी को पूरा करने के लिए काफी है।’’ उन्होंने कहा कि किसी को भी इस बात को लेकर घबराने की ज़रूरत नहीं है कि सरकारी अथवा निजी क्षेत्र का कोई बैंक खतरे में है।