गेहूं की लिफ्टिंग बनी सरकार के लिए चुनौती

जालन्धर, 20 अप्रैल : मण्डियों से गेहूं की लिफ्टिंग राज्य सरकार के लिए गम्भीर चुनौती बनी दिखाई दे रही है व इस सम्बन्धी सरकार द्वारा अब तक किए गए दावे खोखले साबित हुए हैं। राज्य की ज्यादातर मण्डियों में गेहूं की लिफ्टिंग न होने के कारण मण्डियों में गेहूं के ढेर लगे हुए हैं व लाखों टन गेहूं भगवान के सहारे है। हालांकि मण्डियों में आई गेहूं की खरीद सरकारी एजैंसियों द्वारा साथ-साथ खरीद की जा रही है परन्तु लिफ्टिंग में आ रही परेशानी के कारण किसानों और आढ़तियों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ खराब मौसम ने किसानों और आढ़तियों की चिन्ता और बढ़ा दी है। आज कई स्थानों पर मामूली वर्षा होने से सरकार के प्रबन्धों को पोल खुल गई व अच्छे प्रबन्ध न होने के कारण मण्डियों में आई गेहूं को भीगने से बचाने के लिए किसानों और आढ़ितयों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। मज़दूरों की कमी के कारण लिफ्टिंग की समस्या का संकट आने वाले दिनों के दौरान और गहरा सकता है।जालन्धर में आई 1 लाख 85 हज़ार मीट्रिक टन गेहूं में से अभी तक 60 फीसदी गेहूं की लिफ्टिंग की गई है। इसी तरह संगरूर में अब तक 75 के लगभग 3,5000 क्विंटल गेहूं की आमद हो चुकी है जिसमें अभी तक 1 लाख क्विंटल के लगभग ही गेहूं उठाया जा सका है। फाज़िल्का की मण्डियों में आई 99 हज़ार 433 क्विंटल गेहूं में भी अभी बहुत कम गेहूं की लिफ्टिंग हुई है। मोगा ज़िले में आई 3 लाख 8 हज़ार 533 मीट्रिक टन गेहूं से अभी बहुत सा गेहूं मण्डी में ही पड़ा है। एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मण्डी जगराओं के अधीन आती विभिन्न मण्डियों से अब तक साढे 6 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं की आमद हो चुकी है परन्तु लिफ्टिंग की गति धीमी होने के कारण मण्डियों में गेहूं के ढेर लगे हुए हैं। इसी तरह राज्य की अन्य मण्डियों में भी गेहूं की लिफ्टिंग सरकार के लिए गम्भीर समस्या बनी हुई है। कई मण्डियों में तो गेहूं की लिफ्टिंग न होने के कारण किसानों को अपनी फसल रखने के लिए भी जगह नहीं मिल रही। दूसरी ओर आने वाले दिनों में कटाई के कार्य में तेज़ी आने की सम्भावना है व यदि सरकार ने लिफ्टिंग सम्बन्धी ठोस कदम न उठाए तो हालात बिगड़ सकते हैं। हालांकि सरकार द्वारा ट्रक यूनियनों के साथ चल रहे गतिविधियों के मद्देनज़र गेहूं की लिफ्टिंग का कार्य ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ करने का फैसला किया है परन्तु इसके बावजूद बहुत सी मण्डियों में गेहूं के ढेर लगे दिखाई दे रहे हैं। ट्रकों वालों में उत्साह फीका : गेहूं की लिफ्टिंग सम्बन्धी आ रही कठिनाईयों का बड़ा कारण ट्रक आप्रेटरों का फीका पड़ा उत्साह भी बताया जा रहा है। आल पंजाब ट्रक आप्रेटर यूनियन के राज्य प्रधान हैप्पी संधू ने बताया कि यदि सरकार के साथ ट्रक आप्रेटरों की गतिविधियां लगभग समाप्त हो गई है, किराये में 40 फीसदी की कटौती के कारण ट्रक आप्रेटरों में कोई उत्साह नहीं रहा।