जाट आंदोलन में दर्ज पर्चे रद्द करने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक


चंडीगढ़, 22 मई (सुरजीत सिंह सत्ती) : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से फटकार लगाते हुए पूछा है कि किस प्रस्ताव के तहत जाट आंदोलन दौरान पर्चे वापिस लिए गए हैं। यह भी पूछा गया है कि ये पर्चे रद्द करने से पहले किसी अदालत में कोई अज़र्ी दाखिल की गई या नहीं? एडवोकेट जनरल हरियाणा बलदेव राज महाजन द्वारा सी.आर.पी.सी. की एक धारा का हवाला भी दिया गया परन्तु हाईकोर्ट बैंच ने सरकार को कहा है कि आगे से अन्य पर्चे वापिस न लिए जाएं। इसके साथ ही सुनवाई 11 जुलाई पर डाल दी है। वास्तव में मामले में एमाईक्स क्यूरी सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने हाईकोर्ट को ध्यान दिलाया है कि जाट आंदोलन दौरान कुल 2015 पर्चे दर्ज किए गए थे व इससे अब तक 407 केस रद्द किए जा चुके हैं। यह भी बताया है कि पहले इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस एस.एस. सारों की डिवीज़न बैंच ने कहा था कि इस आंदोलन दौरान दर्ज कोई भी पर्चा हाईकोर्ट के ध्यान में लाए बिना रद्द नहीं किया जाए परन्तु इसके बावजूद हरियाणा सरकार ने व्यापक स्तर पर पर्चे रद्द कर दिए हैं।